रिपोर्ट – आनन्द बरनवाल
प्लेस – तीसरी, गिरिडीह
मौलिक अधिकारों को प्रयोग करने के लिए सर्वप्रथम अपने कर्तव्यों का निर्वहन अति आवश्यक :- गोविंद प्रसाद खनाल ( परियोजना पदाधिकारी, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाऊंडेशन)
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाऊंडेशन द्वारा प्रखंड के सभी आंगनवाड़ी और विद्यालयों में संविधान दिवस के मौके पर बढ़ते पश्चिमी सभ्यता के दौर में संविधान के प्रति आस्था और विश्वास को बढ़ावा देने के साथ साथ युवा वर्ग खास कर किशोर किशोरियां जो आने वाले समय में देश के कर्णधार होंगे, उनमें संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के साथ साथ अपने कर्तव्यों के प्रति सजगता अपनाने हेतु शपथ लिया गया। इस दौरान मुख्य रूप से तिसरी प्रखंड के +2 उच्च विद्यालय, संत मेरिस उच्च विद्यालय, मॉडल स्कूल और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, प्रखंड के सभी विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्र सहित ग्राम स्तर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल सभी प्रतिभागियों ने संविधान दिवस पर मौलिक अधिकार और कर्तव्यों के प्रति शपथ लिया ताकि देश और देश के संविधान की गरिमा को बनाए रखा जाए। इसमें तिसरी प्रखंड के कुल 103 गांव में यह कार्यक्रम आयोजित की गई।
हर भारतीय नागरिक के लिए हर साल 26 नवंबर का दिन बेहद खास होता है। दरअसल यही वह दिन है जब देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था। यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य में हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं। हर वर्ष 26 नवंबर का दिन देश में संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है।
संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इस राष्ट्रीय दिवस पर +2 अग्रवाला उच्च विद्यालय के छात्रा पूजा कुमारी ने बताया कि कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन के द्वारा ही बच्चो के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाया जा रहा है जिससे सभी बच्चों शिक्षा की ओर बढ़ रही है
तीसरी प्रखंड में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाऊंडेशन के बाल अधिकार कार्यकर्ता गोविंद खनाल, सुरेंद्र पंडित, संदीप कुमार नयन, भरत पाठक, राजेश सिंह, राजू सिंह के साथ , प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी जमालुद्दीन अंसारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अमृता राज, विद्यालय के शिक्षकगण, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहित गांव के ग्रामीण, एवम 30 हजार से अधिक बच्चे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।