गावां प्रखंड स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय के संचालन में घोर अनियमितता व लापरवाही का आरोप लगाकर अभिभावकों व ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। मंगलवार को विद्यालय खुलते ही दर्जनों की संख्या में ग्रामीण स्लोगन लिखे तख्तियों के साथ विद्यालय पहुंचे व कुव्यवस्थाओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
ग्रामीणों का आरोप था कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक सह सचिव मनरेगा योजना के संचालन में व्यस्त रहते हैं। विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था पर वे ध्यान नहीं दे पाते हैं क्योंकि उपस्थिति बनाने के बाद गायब हो जाते हैं। विद्यालय के दो कमरों का उपयोग पढ़ाई के लिए किया जाता है लेकिन शेष कमरों में वे अपने निजी सामानों को रखते हैं।विद्यालय में एमडीएम का संचालन नियमित रूप से नहीं किया जाता है। मध्याह्न भोजन में तय मिनू का भी पालन नही होता है।बच्चों के बीच अबतक छात्रवृति का भी वितरण नहीं हो पाया है जबकि आसपास के विद्यालयों में इसका वितरण हो चुका है। विद्यालय में छात्र छात्राओं की उपस्थिति काफी कम होती है जबकि रजिस्टर में अधिक बच्चों का नाम अंकित किया हुआ है । विद्यालय का शौचालय पुरी तरह धवस्त हो चुका है।बच्चों को शौच व टायलेट के लिए बाहर जाना पड़ता है। विद्यालय का ध्वस्त शौचालय पुटुस की झाड़ियों से ढकता जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि बीइइओ को आवेदन देकर स्थानीय शिक्षक को विद्यालय से हटाने की मांग की है।
इधर विद्यालय के प्रधानाध्यापक सह सचिव ने कहा कि ग्रामीणों का आरोप गलत है।मध्याह्न भोजन का संचालन हो रहा है। विद्यालय के खाते से छात्रवृति के राशि की निकासी नहीं हो पायी है। एक दो दिनों में राशि का वितरण कर दिया जायेगा।