जमुआ प्रखंड में डोमन पहरी व आसपास के ग्रामीण मंगलवार को बड़ा चौक स्थित पीडब्ल्यूडी कार्यालय पहुंचे और डोमनपहरी में हो रहे सड़क निर्माण में बहुत बड़ी गड़बड़ी की शिकायत दर्ज करवाई।बताया गया कि डोमनपहरी से विजयडीह तक लगभग 77 करोड़ की लागत से पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा सड़क निर्माण करवाया जा रहा है। जो लगभग 22 किलोमीटर की दूरी है। इस निर्माण कार्य में पीडब्ल्यूडी विभाग और संवेदक के द्वारा घोर लापरवाही व मनमानी बरती जा रही है। एक तो गुणवत्ता को लेकर स्थानीय ग्रामीण विरोध तो कर ही रहे हैं इसके अलावा संवेदक और पीडब्ल्यूडी मिलकर जबरन रैयती जमीन पर सड़क निर्माण कर दे रहे हैं। जिसका विरोध स्थानीय ग्रामीण कर रहे हैं। आपको बता दें कि गुणवत्ता में लापरवाही तो बढ़ती ही जा रही है। लेकिन इंजीनियर ने सड़क ऐसे बनवा दिया है कि फोर व्हीलर गाड़ी सड़क से नहीं गुजर सकती है क्योंकि बीच सड़क में इलेक्ट्रिसिटी पोल गड़ा हुआ है। टेंडर के अनुसार और भू अर्जन विभाग के अनुसार सड़क का निर्माण सर्वे रोड पर होना है। जिसका भु मापी अमीन कर चुका है और सरकारी अमीन इस बात को ग्रामीणों के बीच स्वीकार भी कर रहा है। स्थानीय ग्रामीणों की भी यही मांग है कि निर्माण सर्वे लाइन में ही होना चाहिए। लेकिन संवेदक और पीडब्ल्यूडी विभाग जबरन रैय्यती प्लॉट पर ही सड़क बना रहा है और लोगों को मुआवजा भी नहीं देना चाहता है। लोगों द्वारा बताया जा रहा है कि पीडब्ल्यूडी के उच्च पदाधिकारी एसडीओ और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के द्वारा लोगों को धमकाया जा रहा है कि तुम सभी लोगों पर केस दर्ज करवा देंगे और जेल भिजवा देंगे वरना काम जैसा हो रहा है वैसा होने दो. घटनास्थल पर पहुंचे इंजीनियर ने लोगों से बहस बाजी भी की। स्थानीय ग्रामीणों ने भी उन्हें घेर लिया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया उनके मनमानी के खिलाफ और निर्माण कार्य को पिछले एक महीने से ग्रामीणों ने रुकवा दिया है। आपको बता दें कि इस मामले को लेकर जब बयान देने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ और इंजीनियर से बात किया गया तो उन्होंने इस मामले में कोई भी बयान देंगे से साफ मना कर दिया। हालांकि ग्रामीण अब यह मामला लेकर उपायुक्त के पास पहुंच चुके हैं। इसके अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग ले रहे हैं ताकि विभाग के इस मनमानी पर लगाम लगाया जा सके. एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और विभाग के पदाधिकारी इसलिए संवेदक को मनमानी करने दे रहे हैं। क्योंकि इसमें कमीशन का भारी-भरकम खेल है।ग्रामीणों का आरोप है कि संवेदक से एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और एसडीओ को मोटी कमीशन मिलता है।