आईआईटी आईएसएम धनबाद ने रैपिड आर्गेनिक वेस्ट स्टेबलाइजर (आरओडब्ल्यूएस) विकसित किया है। यह चार से पांच घंटे में गीला कचरा (खाना, सब्जी, मीट व अन्य आर्गेनिक) को खाद में बदलेगा। इससे पहले नॉर्मल प्रोसेस में गीला कचड़ा को बायो फर्टिलाइजर में बदलने में 15 दिन से एक महीना का समय लगता है। आईआईटी धनबाद ने इससे संबंधित आरओडब्ल्यूएस अपने कैंपस के 48 क्वार्टर में लगाया है। इसका फायदा नगर निगम, होटल, रेस्टोरेंट समेत अन्य को होगा। महत्वपूर्ण यह है कि खाद मानक के अनुसार होगा। रैपिड आर्गेनिक वेस्ट स्टेबलाइजर को आईआईटी धनबाद के इनवॉयरमेंटल इंजीनियरिंग के प्रो. एसके गुप्ता व रिसर्च स्कॉलर नीतिन कुमार ने डेवलप किया है।
प्रो. एसके गुप्ता ने कहा कि निदेशक प्रो. राजीव शेखर के मार्गदर्शन में इसे तैयार किया गया है। इसका पेटेंट हो गया है। हमलोग जल्द ही इसके कार्मिशियल यूज के लिए कंपनियों से संपर्क करेंगे। यह होटल में बचा खाना, सब्जी समेत अन्य आर्गेनिक वेस्ट को तेजी से बायो फर्टिलाइजर में डेवलप करता है। 100 किलो कचरे में 20 से 25 किलो खाद तैयार होगा। मशीन को 25 किलो, 50 किलो व 100 किलो या अन्य क्षमता के लिए अनुसार तैयार किया जा सकता है। क्षमता पर ही लागत निर्धारित होगी। महत्वपूर्ण यह भी है कि यह कम जगह लेता है। पोर्टेबल होने के कारण इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है। ग्रीन टेक्नोलॉजी के आधार पर इसे तैयार किया गया है। इसका कोई वेस्ट नहीं होता है।