कुशवाहा संघ गिरिडीह द्वारा गुरुवार को टावर चौक पर नाटककार दया प्रकाश सिन्हा का पुतला दहन किया गया।साथ ही सम्राट अशोक के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने पर कार्रवाई की मुहिम छेड़ी गई।पुतला दहन के बाद केंद्र सरकार एवं महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम उपायुक्त गिरिडीह के माध्यम लिखित मांग पत्र सौंप कर दया प्रकाश सिन्हा को पद्मश्री एवं साहित्य अकादमी पुरस्कार को वापस लेते हुए समुचित कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई। कार्यक्रम झंडा मैदान से शुरू होकर टावर चौक पहुंचा ,जहां पर पुतला दहन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष पूरण महतो ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य वंश के महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक की तुलना नाटककार दया प्रकाश सिन्हा ने क्रूर शासक औरंगजेब से कर अपनी ओच्छी एवं दिवालियापन मानसिकता का परिचय दिया है सम्राट अशोक अखंड भारत पर एकछत्र राज किया तथा उनको और संपूर्ण भारत पाकिस्तान अफगानिस्तान नेपाल बांग्लादेश भूटान मयमार के भूभाग पर विस्तृत वह विशाल साम्राज्य उस समय से अब तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य था सम्राट अशोक विश्व के सभी महान शासकों में हमेशा शीर्ष स्थान पर रहे। यह केवल महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक को ही प्राप्त था। उल्लेखनीय है भारतीय संविधान और सरकारी दस्तावेजों पर सम्राट अशोक द्वारा निर्मित अशोक स्तंभ और धर्म चक्र आज भारत सरकार ने अंगीकार किया है। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ बयान निश्चित रूप से देशद्रोह की श्रेणी में आता है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से इंद्रलाल वर्मा,अधिवक्ता राज किशोर कुमार,रीत लाल प्रसाद वर्मा, नरेश वर्मा, दुर्योधन वर्मा,दिनेश वर्मा,सुरेंद्र प्रसाद, महेश अमन, राजेंद्र प्रसाद, बजरंगी महतो ,कैलाश कुमार वर्मा, महेंद्र प्रसाद वर्मा, मधुसूदन महतो,भुवनेश्वर महतो,अशोक कुमार वर्मा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे