गावां थाना क्षेत्र के पिहरा में एक विवाहित महिला अपने 5 वर्षीय बच्ची के साथ साल भर से गिरिडीह व गावां थाना का चक्कर लगा रही है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए पिहरा निवासी साहिदा खातून ने बताया कि उनका विवाह गिरिडीह के परसाटांड निवासी मो अलीमुद्दीन अंसारी के साथ वर्ष 2015 में हुआ था जिसके बाद से वो दहेज को लेकर लगातार प्रताड़ित कर रहा था साथ ही दूसरा शादी कर लेने की भी धमकी दे रहा था। बीच में उसके परिजन सिलाई मशीन व नगद राशि भी दिए थे और दोनो के बीच सामंजस्य बनाए रखने को लेकर कई बार पंचायत भी किया गया। इस दौरान उन्हें एक बेटी हुई जो की अभी लगभग 5 वर्ष की है। लगातार प्रताड़ित करने व मजदूरी करवाने के बाद भी जब उनके पिता दहेज नहीं दे पाए तो उनके पिता की मृत्यु हो गई और उसके पति ने एक वर्ष पूर्व दूसरे लड़की के साथ विवाह कर लिया। इसके बाद जब वे इसकी शिकायत गावां थाना में की तो पुलिस ने मामले को दर्ज तो कर लिया मगर केस के आईओ ने उसके पति से घुस लेकर गलत रिपोर्ट लिख कर कोर्ट में दिए जिससे अभियुक्त को तुरंत ही बेल मिल गया और उन्हें किसी प्रकार की ना तो आर्थिक सहयोग मिला और ना ही किसी प्रकार का इंसाफ मिल रहा है। उन्होंने साथ ही बताया कि उनके पिता के गुजर जाने के बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद गंभीर है और बच्ची के भरण पोषण करने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं महिला की मां हलीमा बेगम ने बताया कि उनकी बेटी का जब से शादी हुआ तब से उसके दामाद द्वारा दहेज को लेकर प्रताड़ित किया जा रहा था। कई जगह आवेदन देने और पंचायत करने के बाद भी जब कोई हल नहीं हुआ तो उन्होंने कानून का दरवाजा खटखटाया मगर गावां पुलिस द्वारा गलत रिपोर्ट किए जाने से उनकी बेटी की जिंदगी पूरी तरह बर्बाद हो गई। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उनके दामाद द्वारा सारा जेवर भी छीन कर रख लिया गया है और 2 दिन पूर्व गिरिडीह न्यायालय से वापस आने समय उनकी बेटी के साथ मारपीट भी किया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए 20 सूत्री सदस्य मरगूब आलम ने कहा कि यह मामला कई महीनो से चल रहा है जिसका वे मुकदमा दायर होने से पहले जिला स्तर से निष्पादन करने का प्रयास भी किये मगर उन्होंने देखा कि महिला के पति का उदंडता इतना बढ़ गया कि वह उन लोग से भी हठधर्मी करने लगे। जिसके बाद उन लोगों ने थाना में प्राथमिकी दर्ज कर के मामले को न्यायालय के समक्ष रखे जिसमें साफ तौर पर प्रतीत होता है कि केस के आईओ दीपक कुमार ने लड़के पक्ष से पैसा लेकर केस डायरी लड़की के विरोध में मेंटेन किया है जो की बिलकुल गलत बात है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह पहला मामला वह देख रहे है जिसमें धारा 498 व डॉरी एक्ट लगने के बाद 3 या 4 डेट अपीयरेंस में जा रहा है और लड़का का एंटीसिपेट्री बेल हो गया। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से मांग किया है कि जो केश के आईओ हैं उन्हें टाइट करें अन्यथा ऐसा ना हो कि एक दिन वो पूरे थाना को ही पैसे लेकर बेच दें।
इस संबंध में आईओ दीपक कुमार ने बताया कि उन पर बेबुनियाद आरोप लगाया गया है। उनके सुपरविजन के अलावा इसमें एसडीपीओ द्वारा भी सुपरविजन किया गया है।