बाबा सिद्दीकी, एक वरिष्ठ नेता और पूर्व महाराष्ट्र मंत्री, जिनका संबंध अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से था, की 12 अक्टूबर 2024 को मुंबई के बांद्रा क्षेत्र में गोली मारकर हत्या कर दी गई। वे 66 साल के थे और अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर के बाहर दशहरा के अवसर पर पटाखे फोड़ रहे थे, तभी उन पर यह हमला हुआ। तीन हमलावरों ने उन पर गोलियां चलाईं, जिससे उन्हें सीने और पेट में गंभीर चोटें आईं। उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस ने इस घटना में दो आरोपियों, कर्नेल सिंह और धरमराज कश्यप, को गिरफ्तार किया है। इन पर संदेह है कि वे लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े हैं। इन हमलावरों ने एक महीने से बाबा सिद्दीकी की गतिविधियों पर नजर रखी हुई थी और इस हत्या की योजना बनाई थी। पुलिस इस मामले की विभिन्न कोणों से जांच कर रही है, जिसमें व्यवसायिक दुश्मनी, स्लम पुनर्वास परियोजनाओं से संबंधित विवाद, और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग के एंगल भी शामिल हैं।
बाबा सिद्दीकी का जन्म 13 सितंबर 1958 को पटना में हुआ था, लेकिन वे मुंबई में पले-बढ़े। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1977 में कांग्रेस पार्टी से की और 1999 में बांद्रा पश्चिम से विधायक चुने गए। वे इस सीट से तीन बार विधायक रहे और उन्हें अपने इलाके में मजबूत जनाधार के लिए जाना जाता था। उनके करीबी सहयोगियों और राजनीतिक नेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनके हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
इस हत्याकांड ने महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष के नेताओं ने आरोप लगाया है कि राज्य में अपराधियों के मन में अब कानून का डर नहीं रह गया है, खासकर जब एक वरिष्ठ नेता, जिन्हें ‘Y’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी, को खुलेआम मार दिया गया।