अर्गाघाट स्थित श्रम कल्याण में पशुपालन समिति की ओर से बुधवार को एक बैठक की गई।बैठक में कई समस्याओं को लेकर चर्चा हुई।समिति के द्वारा बताया गया कि दूध उत्पादन व मवेशियों का व्यापार करने वाले लोग इनदिनों बेहद परेशान हैं।बताया कि झारखंड की सीमा में प्रवेश करते ही मवेसी लोड गाड़ी से कई थाना की पुलिस द्वारा मनमानी ढंग से राशी की वसूली की जाती है। दूध उत्पादन व गाय के व्यापारी करने वाले व्यापार लोगों ने बताया कि झारखंड में हर नस्ल और बड़ी गाय नहीं मिलने के कारण बिहार से खरीद कर गाय को व्यापार के लिए झारखंड के प्रत्येक जिले में लाया जाता है। बिहार के जिले से गिरिडीह पिकअप भेन से लाने के क्रम में झारखंड सीमा में पहुंचते ही अलग-अलग थाना के पुलिस द्वारा मनमाने ढंग से राशि की वसूली की जाती है। ज्यादा रुपए देने के विरोध करने पर थाने में अंदर कर देने की पुलिस द्वारा धमकी दिया जाता है। व्यापारी लोगों ने बताया कि सतगावा, तीसरी, देवरी, जमुआ, गिरिडीह मुफस्सिल व अन्य थानों की पुलिस द्वारा 700 से लेकर 1000 रुपये की मांग की जाती है। इसके अलावा बाइक पुलिस द्वारा भी कहीं-कहीं 200 से 300 रुपए की मांग की जाती है। व्यापार लोगों ने बताया कि झारखंड सरकार गव्य विकास व गोपालन के लिए प्रोत्साहित करती है। लेकिन यहां के थाना पुलिस द्वारा मनमानी ढंग से रुपए की वसूली करना सरासर गलत है।इधर गिरिडीह पशुपालन समिति ने पशु को खिलाने वाले चारा, चौकर, चुन्नी, खल्ली के दामों में वृद्धि को देखते हुए 1 अप्रैल से दूध की कीमत में 5 रुपये की वृद्धि की घोषणा की। वही छेना अब 250 प्रति किलो बेचने की बात कही गई। मौके पर समिति के अध्यक्ष साहेब यादव ,उपाध्यक्ष निल रंजन वर्मा, रंजीत यादव, गोविंद यादव,अशोक यादव ,संजय यादव, समेत कई दूध विक्रेता संघ के सदस्य मौजूद थे।