भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में जेल गए किसान मंच के जिला अध्यक्ष अवधेश सिंह सोमवार को जेल से बाहर आ गए है। इनके अलावे लोहा सिंह भी जेल से रिहा हो गए। जेल से बाहर आते ही अवधेश सिंह के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। सूचना मिलते ही जिले भर के मौजा कमेटियों में, रैयतों में, आदिवासी, दलित और रिश्वतखोरी से परेशान किसानों में जश्न का माहौल छा गया। जेल से निकलते ही किसान मंच से जुड़े लोगों ने जोरदार रूप से फूल माला पहनाकर ओर गाजे बाजे के साथ स्वागत किया। गौरतलब है कि किसान मंच के अध्यक्ष के जेल जाने के बाद से ही गिरिडीह में किसान पूर्ण रूप से आंदोलित हो गए थे। शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने वाले किसान उग्र रूप धारण कर सड़कों पर आंदोलन करने लगे थे। जिस पर पुलिस प्रशासन को नियंत्रण करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई थी। नेता अवधेश सिंह की रिहाई के लिए दो दिनों के लगातार सड़क जाम से पुलिस के पसीने छूट गए थे। वहीं आत्मदाह के कार्यक्रम में पुलिस ने बर्बरतापूर्ण लाठी चार्ज भी कर दी थी। लेकिन इसके बाद भी नेता की रिहाई के लिए पुलिस-प्रशासन से लोहा लेने वाले किसानों के हौसले में कोई कमी नहीं आई और फिर डंके की चोट पर ऐलान कर दिया था कि अवधेश सिंह की रिहाई नहीं होती है तो भूख आंदोलन होगा। पूर्व में निर्णय लिया गया था कि हर मंगलवार को किसान मंच के किसान बड़ी संख्या में जुटने की बात कहीं गई थी। तय कार्यक्रम के अनुसार एक फिर आज
किसान मंच के सदस्यों ने अंबेडकर चौक पर जमा होकर एक फिर अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठ गए है। इस बाबत मंच के अध्यक्ष अवधेश सिंह ने बताया कि विगत कई महीनों से किसान मंच के बैनर तले रजिस्टर टू और खतियान का नकल लेने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। लेकिन आज तक प्रशासन इस पर विचार नहीं कर रही है। कहा कि जिले के पूर्व उपायुक्त के कार्यकाल में आंदोलन के बाद तय किया गया था कि प्रत्येक दिन 70 रजिस्टर टू का नकल दिया जाएगा। लेकिन उनके तबादला होते ही फिर से प्रशासन की अपनी मनमानी शुरू हो गई। जिसके कारण मामूली दर पर मिलने वाले रजिस्टर टू और खतियान के लिए 10 से 15 हज़ार रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। कहा कि जब तक हम लोगों की मांगे पूरी नहीं होगी तब तक किसान मंच आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे।