बुधवार को गावां के बादीडीह बादीडीह निवासी 75 वर्षीय समाज सेवी प्रसादी मिस्त्री की अस्मिक निधन पर इंसानियत की मिसाल देखने को मिली। मौत की ख़बर सुनते ही पूरे गांव में मातम छा गया। जिसके बाद दोनों समुदाय के लोग उनके घर पहुंचे। इसके बाद इनकी शव यात्रा हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल बन गई। समाज सेवी प्रसादी मिस्त्री के अर्थी को दोनों समुदाय के लोगों ने कंधा देकर श्मशान घाट पहुंचाया। वहीं बड़ी संख्या में सभी समुदाय के लोगों ने भी अर्थी को कंधा दिया। वहीं मोहमद यूसुफ अली ने बताया के इनके जैसे नेक दिल आदमी पूरे हिंदुस्तान में होना चाहिए, हर गली मोहल्ले में होना चाहिए। प्रसादी मिस्त्री समाज सेवी के साथ साथ मिलनसार किस्म के व्यक्ति थे। इनकी मौत की खबर जैसे ही बादीडीह पंचायत में मिली तो पूरे पंचायत में शोक की लहर दौड़ गई। हर कोई उनके अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पहुंचे साथ ही हर राजनीति दलों के भी उनकी अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे और उनके परिजनों परिवार को सांत्वना दी। इनकी शवयात्रा में हजारों की संख्या में हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए। अंतिम संस्कार सकरी नदी में किया गया।
मौके पर मोहमद यूसुफ अली, मकशूद, सुभान, छड़ीदर मकसूद, असलम, सादर जैनुल,अशोक यादव, सुरेश मंडल, अशोक मिस्त्री, महेंद्र यादव, मोहमद जैनुल, दिवाकर बरनवाल, किशोरी साव, सकीचंद साव व सड़कों की संख्या में दोनों समुदाय के लोग मौजूद थे।