गिरिडीह के धनवार विधानसभा क्षेत्र के तिसरी प्रखंड के लक्ष्मीबथान गांव में मंगलवार को सरकारी तंत्र की विफलता के कारण एक और आदिवासी प्रसूता, पानो हेंब्रम की मौत हो गई। गांव में सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में प्रसूता को खाट पर सुलाकर अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन बीच रास्ते में उसने दम तोड़ दिया।

तीन साल पहले भी इसी गांव में सूराजी मरांडी नामक एक आदिवासी महिला की प्रसव पीड़ा के दौरान इसी तरह मौत हुई थी। धनवार विधायक सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और पूर्व डीसी राहुल सिन्हा के विकास के दावों के बावजूद गांव की स्थिति जस की तस बनी हुई है। न सड़क बनी, न ही शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध हुई। इस घटना ने एक बार फिर सरकारी सिस्टम की असंवेदनशीलता को उजागर कर दिया है।