प्राकृतिक और संस्कृति का पर्व कर्मा बिते रात को बस स्टैंड समेत पूरे गिरिडीह के विभिन्न क्षेत्रों में खूब धूमधाम से मनाया गया। गुरुवार सुबह महिलाओं और युवतियों ने जलाशयों में करम डार को विसर्जित किया।करमा पर्व को लेकर रात भर उल्लास चारों ओर छाया रहा। जगह जगह पूजन स्थलों में करम डाली स्थापित की गई। जिसके बाद बहनों ने भाइयों की लंबी आयु के साथ साथ प्रकृति संरक्षण के लिए पूजा अर्चना की।बताया गया कि महिलाए और युवतियां 24 घंटे का निर्जला उपवास रखी।बाद में कर्मा पर कर्म धर्म की कथा सुनी गई। पूजन के बाद महिलाए और युवतियां पूरी रात कर्म डाल के समीप झूमर खेलती रही। बताया गया कि भाई बहन के प्रेम व प्राकृतिक संरक्षण के लिए करमा पर्व मनाया जाता है। भाई की सुख समृद्धि के लिए बहन पूजा करती है।