जिले के बरमसिया रोड स्थित वृंदावन पैलेस में शनिवार को फेडरेशन ऑफ चेंबर के बैनर तले जिला जिले के बरमसिया रोड स्थित वृंदावन पैलेस में शनिवार को फेडरेशन ऑफ चेंबर के बैनर तले जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स की एक बैठक आयोजित की गई बैठक में वर्तमान कृषि मंत्री द्वारा लाए गए नए विपणन कृषि कानून बिल, बिजली समस्या व होल्डिंग टैक्स को काला कानून बताते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा गया। इस बाबत बताया गया कि झारखंड सरकार यहां के लोगों पर अत्याचार करने पर तुली हुई है। लोग कोविड-19 के बाद धीरे-धीरे पटरी पर लौटने की कोशिश कर रही है लेकिन दूसरी और झारखंड सरकार अलग-अलग काला कानून और टैक्स लागू कर लोगों की बोझ बढ़ाते जा रही है। बैठक को संबोधित करते हुए जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष निर्मल झुनझुनवाला ने कहा कि विधानसभा में कृषि मंत्री द्वारा पारित कृषि टैक्स का बिल झारखंड के व्यापार संघ के लिए पूरी तरह बोझ बन चुकी है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर झारखंड के सभी चैंबर्स अनवरत आंदोलन कर रहे हैं। दूसरे मुख्य बातों पर उन्होंने कहा कि बिजली समस्या इन दिनों गर्मी के मौसम में आम बात बन चुकी है। झारखंड के लगभग प्रत्येक जिलों में आंख मिचौली का खेल खेली जा रही है। उन्होंने कहा कि गिरिडीह जिला में विधायक सुदिब्य सोनू के कारण कुछ तो अच्छी मिल रही है लेकिन बाकी जिलों में बिजली का हाल आने जाने का लगा हुआ है। तीसरे बातों पर उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लाया गया होल्डिंग टैक्स एजेंडा छुपा हुआ एजेंडा है। यह ऐसा टैक्स का प्रारूप बनाकर लाया गया है जो सर्किल रेट के हिसाब से लागू होगा। इससे आम आदमी 8 से 10 साल के भीतर अपना घर बेचकर टैक्स के रूप में चुकता कर देने की नौबत हो जाएगी। सरकार को समझना चाहिए कि लोगों से जीएसटी पेट्रोल डीजल आदि पर पूर्व से टैक्स लगा हुआ है। लेकिन अब इस तरह का होल्डिंग टैक्स एक तरह का बोझ ही है। बैठक को संबोधित करते हुए अन्य सदस्यों ने कहा कि सरकार द्वारा हर बार अलग-अलग तरह के टैक्स लाना सरकार द्वारा गलत है। सदस्यों ने कहा कि सरकार को इस से विचार करना चाहिए कि झारखंड के लोग ज्यादातर सुदूरवर्ती व गरीब क्षेत्रों से आते हैं। ऐसे में किनी किनी को आज से ज्यादा टैक्स के रूप में खर्च करना पड़ता है। मौके पर प्रदीप अग्रवाल उपाध्यक्ष, श्यामसुंदर सिंघानिया खाद्यान्न व्यवसाई संघ, त्रिपुरारी प्रसाद बख्शी व कई सदस्य मौजूद थे। एक बैठक आयोजित की गई बैठक में वर्तमान कृषि मंत्री द्वारा लाए गए नए विपणन कृषि कानून बिल, बिजली समस्या व होल्डिंग टैक्स को काला कानून बताते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा गया। इस बाबत बताया गया कि झारखंड सरकार यहां के लोगों पर अत्याचार करने पर तुली हुई है। लोग कोविड-19 के बाद धीरे-धीरे पटरी पर लौटने की कोशिश कर रही है लेकिन दूसरी और झारखंड सरकार अलग-अलग काला कानून और टैक्स लागू कर लोगों की बोझ बढ़ाते जा रही है। बैठक को संबोधित करते हुए जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष निर्मल झुनझुनवाला ने कहा कि विधानसभा में कृषि मंत्री द्वारा पारित कृषि टैक्स का बिल झारखंड के व्यापार संघ के लिए पूरी तरह बोझ बन चुकी है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर झारखंड के सभी चैंबर्स अनवरत आंदोलन कर रहे हैं। दूसरे मुख्य बातों पर उन्होंने कहा कि बिजली समस्या इन दिनों गर्मी के मौसम में आम बात बन चुकी है। झारखंड के लगभग प्रत्येक जिलों में आंख मिचौली का खेल खेली जा रही है। उन्होंने कहा कि गिरिडीह जिला में विधायक सुदिब्य सोनू के कारण कुछ तो अच्छी मिल रही है लेकिन बाकी जिलों में बिजली का हाल आने जाने का लगा हुआ है। तीसरे बातों पर उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लाया गया होल्डिंग टैक्स एजेंडा छुपा हुआ एजेंडा है। यह ऐसा टैक्स का प्रारूप बनाकर लाया गया है जो सर्किल रेट के हिसाब से लागू होगा। इससे आम आदमी 8 से 10 साल के भीतर अपना घर बेचकर टैक्स के रूप में चुकता कर देने की नौबत हो जाएगी। सरकार को समझना चाहिए कि लोगों से जीएसटी पेट्रोल डीजल आदि पर पूर्व से टैक्स लगा हुआ है। लेकिन अब इस तरह का होल्डिंग टैक्स एक तरह का बोझ ही है। बैठक को संबोधित करते हुए अन्य सदस्यों ने कहा कि सरकार द्वारा हर बार अलग-अलग तरह के टैक्स लाना सरकार द्वारा गलत है। सदस्यों ने कहा कि सरकार को इस से विचार करना चाहिए कि झारखंड के लोग ज्यादातर सुदूरवर्ती व गरीब क्षेत्रों से आते हैं। ऐसे में किनी किनी को आज से ज्यादा टैक्स के रूप में खर्च करना पड़ता है। मौके पर प्रदीप अग्रवाल उपाध्यक्ष, श्यामसुंदर सिंघानिया खाद्यान्न व्यवसाई संघ, त्रिपुरारी प्रसाद बख्शी व कई सदस्य मौजूद थे।