आदिवासियों के विभिन्न संगठनों के तत्वाधान में झारखंड में आदिवासियों के जमीन लूट,भाषा नीति, स्थानीय नियोजन नीति, झारखंड में युवाओं को रोजगार,कारोबार ठिका पट्टा, मे बेरोजगार युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए रांची के बायपास रोड किशोरगंज से लेकर बिरसा चौक तक सोमवार को मानव श्रृंखला का निर्माण किया गया……..
जहां मौके पर पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि झारखंड में जिस तरह से पहाड़ी बोली को और भाषाओं को झारखंड में घुसाया जा रहा है यह सरकार द्वारा झारखंड के निवासियों और वासियों के रोजगार के अवसर पर डाका है…….
मौजूदा समय में आदिवासी की सरकार होने के बावजूद भी आदिवासियों के खेत में कोई कार्य नहीं किया जा रहा है…
सत्ता में आने से पहले हेमंत सरकार ने 1932 का खतियान और नियोजन नीति लाने का वादा किया था लेकिन 2 साल के कार्यकाल पूरा होने के बाद भी अब तक नियोजन नीति निर्धारित नहीं की गई है जो कि बहुत ही दुखद है… झारखंड राज्य को मौजूदा सरकार द्वारा अखाड़ा बना दिया गया है कि झारखंडी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं..
अपने हक और अधिकार के लिए लगातार हम आंदोलन कर रहे हैं लेकिन प्रशासन और पुलिस के लोग केवल हमें रोकने का कार्य कर रहे हैं अगर सरकार मौजूदा सत्र में हमारी मांगों को सदन में नहीं रखती है या उस पर कोई कार्यवाही नहीं करती है तो हम 14 तारीख को विधानसभा घेराव करने का कार्यक्रम करेंगे और पुरजोर आंदोलन भी करेंगे….