बरगंडा पुराना पुल के पुनर्निर्माण के दौरान एस्टीमेट के अनुसार सीमेंट नहीं होने की वजह से स्थानीय लोगों ने गुरुवार को काम को रुकवा दिया।असल में गिरिडीह शहर की लाइफ लाइन उसरी नदी पर स्थित बरगंडा पुराना पुल जो काफी समय पहले से क्षतिग्रस्त हो चुकी थी। जिसको लेकर कई बार पुल का पुनर्निर्माण का प्रयास गया।काफी दिनों से यहां के स्थानीय लोगों ने संघर्ष किया, इसके उपरांत पुल का निर्माण के लिए योजना बनाकर टेंडर हुआ। लेकिन किन्हीं कारणों वश टेंडर को रद्द कर पुनः टेंडर निकाला गया और पुल का निर्माण का रास्ता बहाल हुआ । पुराना जर्जर पुल को ध्वस्त कर नया पुल का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है।इस बार सिरसिया के निवासी कई लोगों ने एक साथ आवाज उठाई की पुल का निर्माण कार्य में जो सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। वह बिल्कुल ही घटिया किस्म का है। जिस कारण पुल की उम्र ज्यादा नहीं होगी। और पुल कभी भी ध्वस्त हो कर गिर सकता है।बताया गया कि घटिया किस्म के सीमेंट के अलावा स्टोन चिप्स की क्वालिटी भी खराब है।इसी बीच पुल निर्माण कार्य में लगे विभाग के जूनियर इंजीनियर नित्यानंद शाह एवं अमित कुमार निर्माण स्थल पर पहुंचे तो उन्होने भी निर्माण सामग्री देखा और कहा कि स्थानिय लोगों का कहना सही है। क्योंकि पहले डालमिया कंपनी की सीमेंट से ढलाई का कार्य किया जा रहा था। जो विभाग और सरकार के द्वारा अनुमोदित है फिर अब श्री जंग रोधक सीमेंट की खेप कैसे और क्यों आ गई। इस पर जूनियर इंजीनियर नित्यानंद साह ने संवेदक को दूरभाष पर इसकी जानकारी ली और उन्हें तुरंत सीमेंट बदलने को कहा गया। साथ ही स्टोन चिप्स की क्वालिटी को भी सुधरने को कहा गया।यहां
इस कार्य का विरोध करने वालों में मनोहर सिंह , उमाशंकर देव , वीरेंद्र मेहता , मदन राम , विमल राम , पप्पू शर्मा आदि उपस्थित थे