आज हिन्दु पंचाग के वैशाख माह की शुक्ल पक्ष तृतीय है और आज ही के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था| इसलिए परशुराम कि शास्त्रशक्ति भी अक्षय है, और शास्त्र संपदा भी अनंत है | भगवान परशुराम ब्राहम्ण समाज के भगवान है| उन्हे सब उनकी वीरता और पराक्रम के कारण जानते है| उनका शास्त्र एक फरसा था | वे त्रेता युग के ॠषि थे, जो कि विष्णु भगवान के अवतार थे, और भगवान शिव की अराधना करते थे| परशुराम ॠषि जमादग्नि तथा रेणुका के पांचवे पुत्र थे| परशुराम ने अपने पिता के आदेश पर अपनी माता का वध कर दिया था| परशुराम की त्रेता युग के रामायण में और द्वापर युग के महाभारत में अहम भुमिका रही है| आज के दिन ज्यादातर ब्राह्मण और पंडित धर्म के लोगो द्वारा शोभा यात्रा निकाली जाती है तथा जगह-जगह पुजा अर्चना का आयोजन किया जाता है।