भारत के तीन सपूतों- भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को आज के ही दिन फांसी दी गयी थी। देश को अंग्रेजों के चंगुल से निकालने के लिए इनके द्वारा दिए गए योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। भगत सिंह. सुखदेव और राजगुरु ने 23 मार्च 1931 को फांसी के फंदे को चूमकर देश की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी. उनके इस सर्वोच्च बलिदान की याद में हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है।