आरके महिला कॉलेज में शनिवार को मस्टर डिग्री हिंदी और इतिहास के छात्राओं के विदाई समारोह का आयोजन यूजी की छात्राओं के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य डॉ अनुज कुमार,डॉ मधुश्री सेन सन्याल,डॉ नीलम वर्मा के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस दौरान अपने वक्तव्य में प्राचार्य डॉ अनुज कुमार ने कहा कि यह महाविद्यालय साधना संपन्न नहीं है इसके बाद भी यहां की छात्राओं ने पूरे विश्वविद्यालय में अव्वल दर्जा प्राप्त किया है और इस महाविद्यालय का नाम रोशन किया है। प्राचार्य ने कहा कि नारी शक्ति शुरू से हर क्षेत्र में बढ़ चढ़कर काम कर रही है। प्रभारी प्राचार्य डॉ सुशील कुमार राय ने कहा कि महाविद्यालय से आज पीजी इतिहास और हिंदी की छात्राएं विदा ले रही हैं। यह महाविद्यालय उन्हें हमेशा याद रहेगा। यहां की पढ़ाई, अनुशासन और संस्कार वह अपने पूरे जीवन में इसका इस्तेमाल करेंगी। साथ ही उन्होंने विदाई ले रही छात्राओं की उज्जवल भविष्य की कामना की। इतिहास के प्रोफेसर डॉ संजीव कुमार सिन्हा ने कहा कि सबसे अधिक जरूरी होती है कि हमने पढ़ाई के दौरान क्या ज्ञान प्राप्त किया जो हमेशा हमारे जीवन में काम देता है। इसलिए हमें खूब मन लगाकर पढ़ना चाहिए और उस पढ़ाई को उम्र भर याद रखनी चाहिए। उसे दूसरों में बांटना चाहिए ताकि समाज में ज्ञान का दीपक जले।
छात्र नेता रंजीत कुमार राय ने भी उपस्थित छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिला शक्ति होती है महिला शक्ति के बिना पुरुषों को एक कदम आगे चलना मुश्किल होता है। इस कॉलेज से कई लड़कियां ऐसी है जो पढ़कर कॉलेज का नाम रोशन की है। कार्यक्रम के दौरान गोल्ड मेडल पाए हिंदी के अर्चना व पल्लवी को प्रशस्ति पत्र अंग वस्त्र और मेडल देकर प्राचार्य के द्वारा सम्मानित किया गया। साथ ही और भी जितनी छात्राओं ने पूरे विश्वविद्यालय में अव्वल दर्जा पाया उन तमाम छात्राओं को प्रशस्ति पत्र और अंग वस्त्र देकर मंच पर सम्मानित किया गया।सम्मान करने वालों में प्राचार्य डॉ अनुज कुमार, डॉ प्रभात कुमार सिन्हा ,डॉ नीलम वर्मा,डॉ आरती वर्मा और शिक्षक आशीष कुमार वर्मा शामिल थे। विदाई समारोह,सम्मान समारोह के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में नंदिनी,प्रिया, जेबा,गुरप्रीत,स्मृति और मौली ने एक से बढ़कर एक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया। प्रगति वर्मा ने एक एकल अभिनय का मंचन किया जो दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आज झाड़ियों में नन्हीं बच्चियों को क्यों फेंका जाता है,लोग दोष तो बच्ची की माता को देते हैं पर कोई उस बच्ची के पिता को कुछ नहीं कहता। साथ ही महाविद्यालय की छात्राओं ने महाविद्यालय के समस्त प्रोफेसर्स को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।
प्रिया,राखी व पूर्णिमा ने मंच संचालन की। कार्यक्रम में डॉ के एन शर्मा, डॉ आशीष रंजन,डॉ मधुश्रीसेन सन्यास,डॉ नीलम वर्मा,प्रो महेश अमन’,प्रो लक्ष्मण,डॉ सुरेश वर्मा प्रो संजय,प्रो कंचन,डॉ इंदु,डॉ ज्योति चौधरी तथा समस्त शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे।