गोकुल में जो करे निवास, गोपियों संग जो रचाये रास,
देवकी-यशोदा जिनकी मैया, ऐसे हमारे किसन कन्हैया
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन भक्त सुबह से व्रत रखते हैं और भगवान के जन्म लेने का इंतजार करते हैं। आधी रात को उनके जन्म के समय पूजा करने के बाद भगवान को कई तरह का भोग लगाया जाता है। उनका श्रृंगार होता है और पालने में झुलाया जाता है।
 
	    	 
                                







 
                

