हाईकोर्ट के आदेश आने के बाद रद्द पीडीएस लाइसेंस की जांच शनिवार को डीएसओ के द्वारा डीसी ऑफिस कार्यालय में की गई और त्रुटियों को डीलरों के सामने रखा गया।असल में वर्ष 2020 में तत्कालीन जिला आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा 216 राशन दुकान की अनुज्ञप्ति निर्गत की गई थी। हाल के दिनों में जनवितरण दुकान अनियमितता के संबंध में कमेटी बनाकर सभी 216 पीडीएस दुकानों की जांच की गई थी। जांच के दौरान 208 पीडीएस दुकानों के लाइसेंस में हस्ताक्षर तिथि अंकित नहीं रहने समेत अन्य कई त्रुटि पाए जाने पर उसे अवैध माना गया था और 208 लाइसेंस को रद्द किया गया था।इससे आक्रोशित डीलर में धनवार के मां चंचलानी स्वयं सहायता समूह, अविनाश राय समेत 14 डीलरों ने हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर केस दर्ज कर दिया था। जिसके बाद हाई कोर्ट द्वारा जिले के जिला आपूर्ति पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि अनुज्ञप्ति को बहाल रखते हुए वर्तमान परिपेक्ष में अवैध पाए गए। सभी 208 डीलरों की अनुज्ञप्ति की जांच बिना भेदभाव के निष्पक्ष रुप से करके जांच प्रतिवेदन में खामियां पाई जाती है। उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। इसको लेकर हाईकोर्ट के निर्देशानुसार जिला आपूर्ति विभाग पूरी तरह से रेस हो गई है। खुद जिला आपूर्ति पदाधिकारी वरीय कर्मचारियों के साथ एक एक कर सभी अवैध पाए गए जन वितरण दुकान अनुज्ञप्ति की जांच की जा रही है। इस दौरान जो भी कमियां जांच के दौरान पाई जा रही है। उसे पीडीएस संचालकों को दिखा दिया जा रहा है। इस बाबत डीएसओ गौतम भगत ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देशानुसार अवैध पाए गए दुकानों की जांच की जा रही है। जांच प्रक्रिया जारी है जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।