RTI एक्टिविस्ट राकेश मिश्र ने CDPO बगोदर, पर्यवेक्षिका एवं सेविकाओं पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप। भ्रष्टाचार उजागर हो जाने के भय से नही उपलब्ध कराई जा रही है सूचना। बताया गया कि RTI एक्टिविस्ट राकेश मिश्र के द्वारा दिसंबर 2020 में जनसूचना पदाधिकारी, समाज कल्याण महिला एवं बाल विकास विभाग, झारखंड सरकार रांची से कुल 4 बिंदुओं पर सूचना की मांग की गई थी। ससमय सूचना उपलब्ध नही कराने के पश्चात पुनः उसी विभाग में प्रथम अपीलीय आवेदन दिया गया। तत्पश्चात जन सूचना पदाधिकारी सह सहायक निदेशक समाज कल्याण निदेशालय झारखंड रांची ने अपने कार्यालय के पत्रांक 340/स0क0 दिनांक 18/02/2021 के माध्यम से इनके आवेदन पत्र को इस अधिनियम की धारा 6(3) के तहत अन्तरित कर झारखंड राज्य के सभी जिला समाज कल्याण पदाधिकारियों को पत्राचार कर राकेश मिश्र को सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया जिसके आलोक में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी गिरिडीह अपने कार्यालय के पत्रांक 730 दिनांक 05/07/2021 के माध्यम से गिरिडीह जिले के सभी प्रखंडों में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को सूचना से संबंधित अभिलेख की छायाप्रति उपलब्ध कराने अथवा अवलोकन करा देने का निर्देश दिया। जिसके आलोक में गिरिडीह जिला के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी धनवार, गांवां, तिसरी, देवरी, बेंगाबाद, गांडेय, गिरिडीह शहरी, गिरिडीह ग्रामीण, डुमरी, पीरटांड़, बिरनी आदि के द्वारा अवलोकन कराया गया। अवलोकन के समय में संबंधित पंजियों (अभिलेखों) का फोटो मोबाइल में भी लिए। कल दिनांक 04 मार्च 2022 को राकेश मिश्र को बाल विकास पदाधिकारी बगोदर के द्वारा अवलोकन हेतु फोन कर बुलाया गया था। जिसके बाद राकेश मिश्र करीब साढ़े दस बजे बाल विकास परियोजना कार्यालय में उपस्थित हुए जहां सिर्फ एक आंगनबाड़ी केंद्र कोड संख्या 202, आंगनबाड़ी केंद्र कसियाटाँड सेविका रेखा मंडल के द्वारा अभिलेख दिखाया गया। उसके बाद जैसे ही उस केंद्र के टी0एस0आर0 पंजी के दो पृष्ठों का फोटो लिया गया तो सेविका के द्वारा फ़ोटो लेने से मना कर दिया गया तथा अवलोकन भी नही करने दिया गया। वहां पर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी बगोदर भी उपस्थित थी परंतु उन्होंने भी सेविका का ही पक्ष लिया। कहने लगी कि अवलोकन कर सकते हैं परंतु फ़ोटो नही ले सकते हैं। इसपर राकेश मिश्र के द्वारा फोटोकॉपी उपलब्ध करा देने की बात कहने पर सेविका के द्वारा पैसे की मांग की गई। जब राकेश मिश्र के द्वारा प्रभारित शुल्क से संबंधित लिखित पत्र मंगा गया तो लिखित पत्र देने से इंकार कर दिया गया। इस प्रकार न तो अवलोकन करने दिया गया और न ही छायाप्रति उपलब्ध करवाया गया। राकेश मिश्र के द्वारा जिन दो पृष्ठों का फोटो लिया गया है उसमें लाभुकों का हस्ताक्षर एक समान प्रतीत होता है। ऐसा लगता है कि किसी एक ही व्यक्ति द्वारा सभी लाभुकों का हस्ताक्षर करा दिया गया है। राकेश मिश्र ने कहा कि इन्हें लगता है कि बगोदर परियोजना के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं द्वारा कोरोना काल में चावल प्राप्त तो किया गया लेकिन लाभुकों के बीच वितरण नही किया गया। चूंकि टी0एच0आर0 पंजी पंजी में लाभुकों का हस्ताक्षर के स्थान पर एक ही व्यक्ति के द्वारा सभी का हस्ताक्षर किया जाना, पंजी का फोटो लेने से मना करना इसका परिचायक है। सूचना का अधिकार एक आम नागरिक का हथियार है को सुकर बनाना अधिकारियों का कर्तव्य है परंतु अधिकारी आवेदक को परेशान करने में अपना बड़प्पन समझते हैं। जिसके कारण आम नागरिकों का मौलिक अधिकार के तहत प्राप्त सूचना का अधिकार का हनन हो रहा है जो घोर अनियमितता तथा भ्रष्टाचार का प्रतीक है।