विश्व यक्ष्मा दिवस पर गुरुवार को सदर अस्पताल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। यक्ष्मा उन्मूलन पर गंभीर चर्चा की गई।बताया गया कि 24 मार्च 1882 को रॉबर्ट कोच ने टी ० बी ० रोग के कीटाणु की खोज की थी ।इसलिए 24 मार्च को विश्व यक्ष्मा दिवस मनाया जाता है । इस वर्ष भी “ पूर्ण संकल्प – संयुक्त प्रयास ” के श्लोगन के साथ पूरे भारतवर्ष में विश्व यक्ष्मा दिवस 2022 मनाया जा रहा है ।बताया गया कि 1993 में WHO ने टी ० बी ० को ग्लोबल एपिडेमिक बताया , जिसके नियंत्रण हेतु भारत में भी पुनरीक्षित राष्ट्रीय यक्ष्मा नियंत्रण कार्यक्रम प्रारंभ हुआ था।. जो अब राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्नमुलन कार्यक्रम के रूप में चलाया जा रहा है। तथा भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक टी ० बी ० उन्नमुलन का लक्ष्य निर्धारित की गई है । इसकी सफलता हेतु गिरिडीह जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय में यक्ष्मा नियंत्रण कार्यक्रम संचालित करवाया जा रहा है।










