इबादत की रात कहे जाने वाले शब-ए-बारात को लेकर गांडेय क्षेत्र के विभिन्न कब्रिस्तानों,मस्जिदों व मदरसों में शुक्रवार को सजावट-ए-रौनक का नजारा देखा गया। रात को जागकर इबादत करने का पर्व शब-ए-बारात शुक्रवार की रात शुरू होने के साथ ही मस्जिदों व मदरसों में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा और बड़े ही नेक नियत के साथ लोग देर रात तक नफ़्ल नमाज, कुरान शरीफ की तिलावत,दुआएं आदि नेक-इरादें के साथ पढ़ता रहा। नमाज, तिलावत-ए-कुरआन, कब्रिस्तान की जियारत और हैसियत के मुताबिक खैरात करना इस रात के अहम काम है। बताया गया कि इसे लेकर क्षेत्र के विभिन्न मस्जिदों व मदरसों में बीते कुछ दिन पहले से ही मुस्लिम समुदाय के लोगों में सजावट व साफ़-सफाई आदि को लेकर गंभीरता देखी जा रही थी। और शुक्रवार अहले सुबह को मस्जिदों व मदरसों को अच्छी तरह से साफ-सफाई व धोकर दोपहर तक करीब सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी थी। बताया गया कि शुक्रवार रात मुस्लिम समुदाय मस्जिदों,मदरसों या फिर अपने अपने घरों में जागकर नेक इरादों के साथ अल्लाह का इबादत कियें। समाजसेवी हाजी उस्मान अंसारी ने बताया कि इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक माना जाता रहा है कि अगर इंसान शब ए बारात की रात शिद्दत और सच्चे दिल से अल्लाह की इबादत करें और अपने गुनाहों से तौबा करें तो अल्लाह उसके हर गुनाह को माफ कर देता है।