गिरिडीह जिले के जमुआ प्रखंड के अंतर्गत आने वाले गोविंदपुरा गांव में ग्रामीणों के घर से महज 50 मीटर की दूरी पर पत्थर का उत्खनन किया जा रहा है। इसमें प्रतिबंधित हेवी जिलेटिन ब्लास्ट किया जा रहा है।जिससे ग्रामीण परेशान हो चुके हैं व डर के साए में जीने को मजबूर हैं। क्योंकि रात के अंधेरे में कभी बिना सूचना दिए जिलेटिन ब्लास्ट किया जाता है इस दौरान पत्थर का टुकड़ा घरों तक पहुंच जा रहा है। ग्रामीण संबंधित विभाग को शिकायत कर चुके हैं बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। इस प्रकार एनवायर्नमेंटल क्लीयरेंस, एनओसी और माइनिंग के कानूनों की धज्जियां यहां पर उड़ रही है। क्योंकि माइनिंग नियम के तहत ग्रामीणों के घरों से 50 मीटर की दूरी पर पत्थर माइनिंग का परमिशन नहीं दिया जा सकता है। लेकिन पत्थर माफियाओं ने नकली ग्रामसभा का कागज बनाकर जिला खनन विभाग को भेज दिया गया और डीएमओ ने बिना साइड इंस्पेक्शन किए ही लाइसेंस निर्गत कर दिया। अब परिणाम यह हो रहा है कि ग्रामीण परेशान हैं, संबंधित विभाग को शिकायत कर चुके हैं बावजूद सिर्फ कार्रवाई का आश्वासन मिल रहा है। वहीं इस मामले पर डीएमओ ने भी कैमरे के सामने कुछ बोलने से इंकार कर दिया है और कहा कि जांच के आदेश दिया गया है रिपोर्ट आते ही उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।