गिरीडीह सदर प्रखंड के बंदरकुप्पी के पास एक पशु चिकित्सआलय में घोर लापरवाही देखी गई। पूरा 10 km के रेंज में मात्र एक बंदरकुप्पी का पशु हॉस्पिटल है।मगर लापरवाही बहुत है।जब स्थनीय निवासी देवानन्द साव का पशु बहुत बीमार था।और वह जब पशु चिकित्सा के लिए नजदीक चिकित्सालय पहुँच ओर अपने पशु के लिए दवाई मांगी तो उसने पैसे की मांग की जब देवानंद जी ने कहा कि जानवरो की दवाई मुफ्त मिलती है तो आप पैसे की मांग कर रहे।उसने कहा दवाई अभी नही है।और कहा कि डाक्टर भी मौजूद नही है। स्थनीय ग्रमीणों का कहना है कि इस अस्पताल में कोई डॉक्टर या कामोटर नही है।।मगर थोड़े देर में दो व्यक्ति दिखाई देते है जो शाम को अस्पताल से दवाई अपने बाइक में दवाई को लोड कर रहा था।जब ग्रमीणों ने पूछा ये दवाई कहा से आया।उनका जबाब था कि हा दवाई है मगर ग्रमीणों को पैसा से देना। वही
सुनील कुमार साव का कहना है कि यहां के पशु चिकित्श्लय में एक डॉक्टर है भी वह कभी दिखाई ही नही देती ये सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने आते है।
इस क्षेत्र में ठंड से दर्जनों पशु मर चुके है।रोजाना इस क्षेत्र से दर्जनों ग्रामीणों डॉक्टर का इंतजार करके वापस घर लौट जाते है।
मौके पर देवानंद साव, सुनील साव,प्रेम साव, वार्ड सदस्य प्रभकार पांडेय,राजेन्द्र साव, आदि सैकड़ो ग्रमीण उपस्तित थे।