गिरिडीह प्रखंड के मटरूखा पंचायत अंतर्गत मटरूखा ग्राम के ग्रामीणों ने पीने के पानी की समस्याओं को लेकर अपनी परेशानी व्यक्त की। बताया गया कि मटरूखा बाजार में सरकारी स्कूल के पास स्थित जलमीनार लगभग 5-6 वर्ष पूर्व लगभग 29 लाख रुपए खर्च करके एक जलमीनार बनाया गया था। लेकिन जलमीनार बनने के बाद एक महीने भी पानी का सप्लाई नही हो पाया। उक्त जलमीनार से लगभग 50 घरों में पाइप के द्वारा कनेक्शन किया गया है लेकिन किसी के घर मे जलमीनार से पानी नही पहुंचता है। जबकि सोलर से चलने वाले इस जलमीनार में पानी भरा रहता है और देखरेख के अभाव में जलमीनार से पानी गिरता रहता है। जलमीनार से पानी भरने के लिए कोई नल या किसी अन्य प्रकार की सुविधा नही दी गई है। जिस जगह से पाइप का कनेक्शन जोड़ा गया वहां ढक्कन टूट कर बरबाद हो चुका है और कूड़े का ढेर लग गया है। ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत करने पर किसी तरह की सुनवाई नही होती है। वहीं पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधि को बोलने पर भी कोई ध्यान नही देते हैं। दूसरी तरफ 14 वीं वित्त आयोग के तहत लगाए गए स्ट्रीट लाइट में भी घोटाले की बात ग्रामीणों के द्वारा बताई गई। ग्रामीणों के अनुसार पंचायत में लगभग 200 के आसपास स्ट्रीट लाइट लगा था जो दो तीन महीने में ही खराब हो गया और खराब होने के बाद खोलकर रख दिया गया जिसे वर्षों से बनवाने का आस्वासन मुखिया के द्वारा मिलता है लेकिन आज तक दुबारा लाइट बनकर नही लगा। लोगों ने बताए कि अभी चुनाव के समय शिकायत करने पर हो सकता है कि जनप्रतिनिधि के कान में जूं रेंगे और पानी और बिजली की व्यवस्था दुरुस्त हो सके।