क्रिसमस एवं नववर्ष के आगमन पर मैथन डैम को सजाने-संवारने का काम को अंतिम रूप दिया जा रहा है। एक ओर जहां डीवीसी तो वहीं दूसरी ओर नाविकों द्वारा अपने नौकाओं का रंग रोगन कर दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। डैम के फेसिंग, पार्कों में बनाये गए विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों, जलाशय के किनारे पत्थरों आदि को रंगबिरंगे रंगों से सजाने के कार्य अंतिम चरण में है। वहीं डैम पर स्थित मिलेनियम पार्क, गोल्डेन पार्क, नेहरू पार्क, फूलबगान आदि पार्कों की साफ सफाई कर विभिन्न प्रकार के रंगबिरंगी फूलों से आकर्षक डिजाइन से सजाया जा रहा है, ताकि सैलानी यहां आकर रंगबिरंगी फूलों की खूबसूरती से मंत्रमुग्ध हो जायें। सैलानी यहां पर अपने सारे तनाव को भूलकर डैम के प्राकृतिक सौंदर्य एवं मनमोहक, खूबसूरत दृश्यों का आनंद ले सके और नववर्ष का जमकर लुफ्त उठा सके। प्राकृतिक की गोद में बसा मैथन डैम सैलानियों के लिए पहली पसंद है। क्यों न हो मैथन डैम प्रकृति की मनोहारी छटाओं और मां कल्याणेश्वरी मंदिर के लिए भी पूरे देश में जाना जाता है। सही अर्थों में यह प्राकृतिक सौंदर्य और भक्ति का अनूठा संगम है। प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने दूर-दराज के क्षेत्रों से भी लोग आते हैं। जाड़े का मौसम शुरू होते ही यहां सैलानियों का जमघट लगने लगता है। लोग परिवार के साथ पहुंचकर नदी किनारे, खूबसूरत वादियों में, पहाड़ों व पेड़ों के झुरमुटों के बीच पिकनिक का आनंद लेते हैं। बड़ा दिन 25 दिसंबर और पहली जनवरी को तो भीड़ इतनी जुटती है कि जगह कम पड़ जाती है। बसों व निजी कारों से हजारों लोग सपरिवार पहुंचते हैं।