हिंदुस्तान की खूबसूरती है इसकी गंगा-जमुनी तहजीब,अनेकता में एकता और आपसी भाईचारा, हालांकि, आजकल इसी खूबसूरती को खत्म करने में भी कुछ लोग लगे हुए हैं। लेकिन ऐसी बहुत सी मिसालें हैं जो उम्मीद जगाती हैं और जिन्हें देखकर ये लगता है कि जो ताना-बाना इस देश में आपसी भाईचारे का है वो इतनी आसानी से टूटने वाला नहीं है। भारत अपनी विविधता के लिए मशहूर है और यहां हर धर्म के लोग मौजूद हैं। यहां अलग- अलग धर्म के लोग मिल जुलकर एक साथ खुश रहते हैं। ऐसा ही एक नजारा सामने निकल कर देखने को मिला है। गौरतलब हो कि आज के इस विपरीत परिस्थितियों वाली दौर में भी गांडेय प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत रशनजोरी पंचायत के कोरीडीह गांव निवासी समाजसेवी सह जिप सदस्य मुफ्ती मो.सईद आलम ने अपने आप में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश किया है। बताया गया कि इस कड़ाके की ठंड में इन्होंने जाति धर्म से ऊपर उठकर सच्चे मानवता का परिचय दिया है। दरअसल इन्होंने कड़ाके के इस ठण्ड के मद्देनजर बुधवार को इनके आवास पर आएं बासुदेव गोस्वामी नामक बाबा को एक उम्दा क़्वालिटी का कम्बल देकर उनसे आशीर्वाद लेने का काम किया। वहीं जिप सदस्य मुफ्ती आलम ने गुरुवार को गांडेय के जामजोरी पंचायत अंतर्गत पंडरिया गांव एवं रशनजोरी पंचायत के कोरीडीह,नाईडीह व बेलाटांड़ आदि गांव में मिलाकर करीब 150 जरूरतमंद बच्चों-बच्चियों के बीच स्वेटर का वितरण किया। बताया गया कि मुफ़्ती मो. सईद आलम ऐसे सराहनीय कार्यों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहते है। इसलिए इस क्षेत्र के मुस्लिम युवा इसे मोहब्बत से गरीबों के मसीहा भी कहते है। इसका ताजा-तरीन उदाहरण आएं दिन जमजम कप जामजोरी नॉक आउट क्रिकेट टूर्नामेंट में देखा गया। किसी एक टीम के सभी खिलाड़ी के ड्रेस पर मुफ़्ती सईद आलम का तस्वीर छपा देखा गया। इसे मोहब्बत ही तो कहा जा सकता है।