झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला कमेटी के तत्वाधान में मंगलवार को 2 बजे तक टावर चौक पर पार्टी द्वारा महाधरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर आयोजित कार्यक्रम में पार्टी ने अपनी ताकत का एहसास कराया, पूरे जिले से कार्यकर्ताओं की टोली सुबह से दोपहर तक आती रही। भारी भीड़ को देख उत्साहित स्थानीय विधायक सह राज्य के नगर विकास मंत्री सुदीब्य कुमार सोनू ने कहा कि झारखंड आंदोलन के दौरान पार्टी की संघर्षों की बड़ी लंबी परंपरा और बलिदानों की अनगिनत कहानी रही है। सरना धर्म कोड को लेकर जारी आंदोलन नई इतिहास रचेगी. कहा कि 1972 में भी जब झारखंड आंदोलन की शुरुआत हुई तो लोग कटाक्ष करते थे कि मांझीय अलग राज्य लेते, पर शिबू सोरेन ने बिहार के नक्शे पर झारखंड का निर्माण कर इतिहास रचा था. सरना धर्म कोड की मांग देश की 12 करोड़ आदिवासियों की अस्मिता से जुड़ी है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली से चलकर भाजपा के आदिवासी नेता बिरसा मुंडा के चरणों में शीश नवाते हैं पर उनकी संतानों के जायज मांगों पर चुप्पी साधे रहते हैं. भाजपा के आदिवासी नेता ऐसी नाटक करना बंद करें. कहा कि आंदोलन में साथ खड़े नहीं तो ऐसे आदिवासी नेता नकली हैं. यह आवाज गिरिडीह के तीसरी और सरायकेला तक पहुंचनी चाहिए. बड़ी लड़ाई का आगाज हो चुका है. संघर्ष की शुरुआत गिरिडीह से हो तो बेहतर है. कहा की लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहना है. उन्होंने कहा कि सड़क पर उतर कर बात रखने की बारी आई तो उसदिन गिरिडीह का चक्का जाम रहेगा. महा धरना तो केवल बानगी है। कार्यक्रम को पार्टी नेता पूर्व विधायक केदार हाजरा, प्रणव वर्मा, कृष्ण मुरारी शर्मा, शाहनवाज अंसारी, अजीत कुमार आदि ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्टी नेता महा लाल सोरेन ने की. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।