झारखंड सरकार ने राज्य के शहरी विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मेट्रो रेल परियोजना का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अगुवाई में रांची, जमशेदपुर और धनबाद जैसे प्रमुख शहरों में मेट्रो सेवा शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में नगर विकास विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर और विभागीय सचिव को सौंप दिया है।
यह प्रस्ताव महज एक परिवहन योजना नहीं, बल्कि झारखंड की प्रगति और भविष्य का रोडमैप है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने 10 जुलाई को रांची में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में भी इस मुद्दे को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष उठाया। मुख्यमंत्री का कहना है कि मेट्रो सेवा से न केवल ट्रैफिक की समस्या का समाधान होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने इस परियोजना को ‘झारखंड के भविष्य के लिए निर्णायक’ करार दिया है। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों की निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अब राज्य को केंद्र सरकार का सहयोग चाहिए, ताकि इस महत्वाकांक्षी परियोजना को वास्तविकता में बदला जा सके।
प्रस्ताव में यह भी उल्लेख किया गया है कि मेट्रो परियोजना के लिए फिजिबिलिटी स्टडी (संभाव्यता अध्ययन) और डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) की आवश्यकता है। यदि केंद्र से अनुमति मिलती है, तो इन तीनों शहरों में जल्द ही मेट्रो नेटवर्क बिछाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि मेट्रो सेवा शुरू होने से शहरी ट्रैफिक पर दबाव कम होगा, लोगों को तेज, सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त यात्रा का विकल्प मिलेगा और शहरी ढांचे में नई जान आएगी।
अब सबकी निगाहें केंद्र सरकार की मंजूरी पर टिकी हैं। अगर यह परियोजना आगे बढ़ती है, तो झारखंड देश के उन राज्यों की सूची में शामिल हो जाएगा जहां मेट्रो सेवा मौजूद है – और यह अपने आप में राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।