सरकार ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल करने को कई कोशिश कर रही है। इसी कोशिश के तहत ग्रामीण इलाकों में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की स्थापना की गई। परंतु इन सेंटरों में ब्याप्त भ्रष्टाचार और प्रतिनियुक्त कर्मियों की लापरवाही के कारण लोगों को हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर से स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। बता दें कि आयुष्मान भारत योजना के तहत गावां प्रखंड के जमडार, सेरूआ, गदर और मंझने उपस्वास्थ्य केन्द्र को हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में परिवर्तित किया गया था और बड़े ही ताम-झाम के साथ इन सेंटरों का उद्घाटन भी हुआ। परंतु उद्घाटन के बाद से ही सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना गावां प्रखंड में दम तोड़ दिया है। अभी हालात ऐसे हैं कि इन हेल्थ एंड वैलनेस सेंटरों पर ताला लटका रहता है और मरीज इलाज के लिए दर-दर भटकने को विवश होकर अंतत: नीम हकीम के यहां अपनी गाढ़ी कमाई लुटाने को विवश हैं।
गावां प्रखंड के जमडार और गदर का हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर अक्सर बंद रहता है। सेरूआ और मंझने का हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर सिर्फ टिकाकरण और मिशन की योजनाओं के संचालन तक ही सीमित रह गई है। जबकि इन सेंटरों पर एक-एक एएनएम, एमपीडब्लु औ सीएचओ (सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी) की प्रतिनियुक्ति है। इन सेंटरों पर मधुमेह, बीपी समेत अन्य बीमारियों की जांच और उपचार की व्यवस्था की जानी चाहिए थी। इसके अलावा प्रसव कराने की व्यवस्था भी कागजों पर इन सेंटरों पर है। परंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।
बुधवार को गावां के जमडार का हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर ताला लटका था। आसपास के ग्रामीणों से पुछे जाने पर पता चला कि जमडार का सेंटर शायद ही कभी खुलता है। यहां प्रतिनियुक्त एएनएम मधु कुमारी, सीएचओ शिखा कुमारी और एमपीडब्लु जलील अंसारी सप्ताह में एकाध दिन फिल्ड आते हैं और गायब हो जाते हैं। सेंटर का नियमित संचालन नहीं होने की शिकायत करने पर ये लोग यहां रहने की सुविधा नहीं है यह कह कर पल्ला झाड़ लेते हैं।
गावां प्रखंड के हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर बंद रहने के सवाल पर गिरिडीह सीएस डॉ शिव प्रसाद मिश्रा ने कहा कि अगर हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर बंद रहता है, तो यह गंभीर मामला है। इस संबंध में गावां के एमओआईसी से रिपोर्ट मांगी जाएगी कि आखिर किस परिस्थिति में वहां हेल्थ एंड वैलनेस नियमित नहीं खुल रहा है। जिस हेल्थ एंड वैलनेस में सीएसओ की प्रतिनियुक्ति हुई है, वहां नियमित सेंटर खुलना है।