गिरिडीह
सदर प्रखंड के बुढ़िया खाद इलाके में रविवार को एक नाबालिग जोड़े के निकाह की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया। बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए कार्यरत संस्था जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन और बनवासी विकास आश्रम के कार्यकर्ता सुरेश कुमार शक्ति को मोबाइल पर मामले की जानकारी मिली। तत्पश्चात उन्होंने गिरिडीह सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी-सह-बाल विवाह निषेध पदाधिकारी को आवेदन देकर निकाह को रोकवाने की अपील की।
बाल विवाह निषेध पदाधिकारी ने तत्परता दिखाते हुए मामले की सूचना मुफ्फसिल थाना प्रभारी को दी और निर्देश दिया कि तत्काल आवश्यक कार्रवाई की जाए। आदेश मिलते ही एएसआई प्रिनन कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम बुढ़िया खाद गांव पहुंची। इस टीम में हीरालाल दास, पंकज कुमार मंडल, आशीष चौबे, निधि कुमारी, रीता कुमारी, चमेली कुमारी के साथ-साथ बनवासी विकास आश्रम की समुदाय स्तरीय कार्यकर्ता रूपा कुमारी भी मौजूद थीं।

पुलिस टीम
कार्रवाई के दौरान नाबालिग लड़की को निकाह से पहले ही बरामद कर मुफ्फसिल थाना लाया गया। वहां लड़का और लड़की दोनों के अभिभावकों को बुलाया गया और बाल कल्याण समिति की मौजूदगी में एक लिखित अंडरटेकिंग लिया गया। इसमें स्पष्ट किया गया कि यदि भविष्य में लड़के की उम्र 21 वर्ष और लड़की की उम्र 18 वर्ष से पहले निकाह कराया गया, तो बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि दोनों किशोर अभी नाबालिग हैं। बाल अधिकार कार्यकर्ता सुरेश कुमार शक्ति ने बताया कि जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन अलायंस भारत के सामाजिक संगठनों का एक नेटवर्क है जो बच्चों के संरक्षण और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए निरंतर कार्य करता है। उन्होंने कहा कि समय पर मिली सूचना और प्रशासन की संवेदनशीलता से एक मासूम की ज़िंदगी संवारी जा सकी।