गिरिडीह जिले के गांडेय प्रखंड अंतर्गत अहिल्यापुर पंचायत के फतेहपुर गाँव में ग्रामीणों ने एक अनोखी मिसाल पेश की है। रविवार की सुबह करीब 10 बजे गाँव के लोग एकजुट होकर जर्जर हो चुकी सड़क की मरम्मत में जुट गए। स्थानीय लोगों ने चंदा इकट्ठा कर और श्रमदान के जरिए सड़क पर पत्थर और मोरम डालकर उसे चलने लायक बनाया।
गाँव को अहिल्यापुर से जोड़ने वाली यह सड़क लंबे समय से बदहाल स्थिति में थी। ग्रामीणों का कहना है कि इस सड़क का पास और स्वीकृति जनप्रतिनिधियों ने पहले ही बता दिया था, लेकिन टेंडर प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई। महीनों से केवल आश्वासन मिलने के बावजूद धरातल पर कोई ठोस पहल नहीं होने से ग्रामीण परेशान थे।
स्थिति इतनी खराब थी कि सड़क पर वाहन तो दूर, पैदल चलना भी बेहद मुश्किल हो गया था। वहीं, गाँववाले स्वास्थ्य सेवाओं, बच्चों की पढ़ाई और दैनिक मजदूरी जैसे सभी कामों के लिए अहिल्यापुर गाँव पर ही निर्भर हैं। ऐसे में टूटी सड़क उनके लिए बड़ी समस्या बन गई थी।
थक-हारकर ग्रामीणों ने स्वयं आगे आकर समाधान तलाशा। छोटूलाल किस्कू, बिनोद हांसदा, सूरज किस्कू, कीनू मरांडी, देवन टूड्डू, सुनील हेमब्रम समेत कई लोगों ने इस सामूहिक प्रयास में योगदान दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सरकार सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं करती, तब तक यह अस्थायी मरम्मत उनके लिए राहत का काम करेगी। यह पहल स्थानीय स्तर पर सामूहिक एकता और आत्मनिर्भरता की एक प्रेरणादायक मिसाल पेश करती है।