गिरिडीह जिला अंतर्गत मुफ्फसिल थाना मोड़ से बनियाडीह कबरीबाद होते हुए बरवाडीह को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर गुरुवार की रात हुए भूधसान के बाद शुक्रवार शाम 5 बजे तक भी आवागमन पूरी तरह ठप रहा। यह सड़क हाल ही में करोड़ों की लागत से पथ निर्माण विभाग द्वारा बनाई गई थी, जो स्थानीय निवासियों के लिए जीवनरेखा मानी जा रही थी।
भूधसान की गंभीरता को देखते हुए सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से सड़क को बंद कर भराई का कार्य शुरू करवा दिया। शुक्रवार को घटनास्थल पर झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के नेता पहुंचे, जहाँ सीसीएल के महाप्रबंधक और परियोजना पदाधिकारी भी मौजूद थे। यूनियन नेताओं ने इस मसले पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह सड़क मंत्री सुदिव्य कुमार की अनुशंसा पर बनाई गई थी और यह हादसा क्षेत्र के विकास को पीछे धकेलने वाला है।

CCL Prabandhan
यूनियन प्रतिनिधियों ने प्रबंधन से अनुरोध किया कि इस घटना को गंभीरता से लिया जाए और इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
वहीं, मौके पर मौजूद सीसीएल के महाप्रबंधक ने बताया कि यह दुर्घटना अवैध खनन (इलीगल माइनिंग) की वजह से हुई है, जो न सिर्फ सड़क को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि लोगों की जान-माल के लिए भी खतरा बनती जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि युद्ध स्तर पर मरम्मत और भराई का कार्य जारी है। साथ ही उन्होंने कहा कि जनभागीदारी और प्रशासनिक सहयोग से ऐसे अवैध कार्यों पर रोक लगाई जाएगी।

इलीगल माइनिंग
स्थानीय लोगों में भी इस घटना को लेकर आक्रोश है। उनका कहना है कि जब सरकार की ओर से सड़क जैसी मूलभूत सुविधा दी जा रही है, तो अवैध खनन जैसे कार्यों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
गिरिडीह की यह घटना न सिर्फ विकास कार्यों की चुनौतियों को उजागर करती है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करती है कि आखिर कब तक अवैध खनन के चलते आम जनजीवन प्रभावित होता रहेगा।