स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 के नतीजों ने गिरिडीह नगर निगम की व्यवस्था की हकीकत सामने ला दी है। झारखंड के नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सिंह के गृह नगर गिरिडीह को इस बार देशभर में 791वां और राज्य में 46वां स्थान मिला है। झारखंड के 51 शहरों की सूची में इतनी नीचे रैंकिंग यह दर्शाती है कि स्वच्छता को लेकर नगर निगम की तैयारियां और प्रयास कितने कमजोर रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछली बार यानी 2023-24 में गिरिडीह को देश में 980वां और राज्य में 37वां स्थान मिला था। इस बार भले ही देश स्तर पर रैंकिंग में कुछ सुधार हुआ हो, लेकिन राज्य स्तर पर प्रदर्शन और भी खराब हो गया। वहीं बोकारो स्टील सिटी, धनबाद और देवघर जैसे शहरों ने इस साल बेहतर प्रदर्शन कर गिरिडीह को पीछे छोड़ दिया है।
नगर निगम की रिपोर्ट में 100 प्रतिशत कचरा उठाव और 90 प्रतिशत डोर-टू-डोर कलेक्शन का दावा किया गया था, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। शहर के कई वार्डों में कचरा नियमित रूप से नहीं उठाया जाता है, गीला-सूखा कचरा अलग नहीं किया जाता और गली-मोहल्लों में गंदगी का आलम बना रहता है। इस कारण गिरिडीह को एक बार फिर शर्मनाक रैंकिंग का सामना करना पड़ा है।
नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सिंह ने इन नतीजों को नगर निगम की असफलता बताते हुए अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की बात कही है। उप नगर आयुक्त प्रशांत कुमार प्रजापति ने भी गिरिडीह की गिरती रैंक पर चिंता जताई और कहा कि इस पर बैठक कर विस्तृत समीक्षा की जाएगी। साफ है कि यदि जल्द ही व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो आने वाले वर्षों में गिरिडीह की स्थिति और भी चिंताजनक हो सकती है।