गिरिडीह भू-निबंधन कार्यालय में लंबे समय से हो रही मनमानी तथा घूसखोरी के खिलाफ बुधवार को डीड राइटरों नें रजिस्ट्री कार्य के बहिष्कार किया।इसके साथ ही ईन्होंने भ्रस्टाचार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया।इस आंदोलन में इन्हें भाकपा माले का भी साथ मिल गया है।
मामले की जानकारी मिलते ही माले के जिला सचिव पुरन महतो, पार्टी नेता राजेश यादव तथा राजेश सिन्हा भी रजिस्ट्री ऑफिस पहुंचकर आंदोलन का नेतृत्व किया।इस दौरान कहा कि वास्तव में गिरिडीह रजिस्ट्री ऑफिस घूसखोरी का बड़ा अड्डा बन चुका है। सारे दुरुस्त कागजातों के साथ रजिस्ट्री कराने आए लोगों को भी बेवजह परेशान किया जाता है।
माले नेताओं ने जिला प्रशासन तथा सरकार से गिरिडीह रजिस्ट्री ऑफिस में व्याप्त मनमानी और खुलेआम घूसखोरी पर अविलंब रोक लगाने की मांग की। कहा कि, रजिस्ट्रार ने अपने कर्मियों को वसूली करने की खुली छूट दे रखी है। बड़े-बड़े भू-माफियाओं द्वारा अपनी रजिस्ट्री के लिए मुंह मांगी कीमत दी जाती है, जिसका खामियाजा अब जिले के आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। क्योंकि अब आम लोगों से भी उनकी थोड़ी बहुत जमीन की रजिस्ट्री के लिए भी मनमाने तरीके से रिश्वत की मांग की जाने लगी है, और पैसा नहीं देने पर उनका काम किसी ना किसी बहाने पेंडिंग कर दिया जा रहा है।
कहा कि, यदि इस अल्टीमेटम के बाद भी रजिस्ट्री ऑफिस के रवैए में सुधार नहीं हुआ तो दस्तावेज नविसों तथा आम जनता के साथ मिलकर आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
इस आंदोलन में मुख्य रूप से डीडराइटर अरविंद प्रसाद, प्रकाश यादव, जगदीश यादव, रंजीत प्रसाद सिन्हा, विरेंद्र कुमार सिन्हा, मंजूर अंसारी, रविंद्र पाठक, राम प्रसाद कुशवाहा, नंद किशोर सिन्हा, श्याम शर्मा, राज किशोर वर्मा, बालेश्वर पंडित, लखन वर्मा, विश्वनाथ यादव, राजकुमार सिंह, प्रसादी नारायण यादव, गौरीशंकर राणा, पंकज कुमार, विश्वनाथ पांडे, वीरेंद्र कुमार, कृष्णानंद वर्मा सहित अन्य लोग मौजूद थे।
 
	    	 
                                







 
                

