झारखंड में सड़क हादसों के आंकड़े लगातार चिंता बढ़ा रहे हैं। राज्य परिवहन विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2025 में जनवरी से अगस्त तक कुल 3887 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 3114 लोगों की मौ,त और 2429 लोग घायल हुए। पिछले वर्ष यानी 2024 की तुलना में इस बार 384 हादसे और 351 अधिक मौ,तें हुई हैं।बता दे की गिरिडीह में पिछले 8 महीने में कुल 231 लोगों की मौ,तें सड़क दुर्घटना में हुई है। एनसीआरबी के मुताबिक, 72% सड़क हादसों की मुख्य वजह ओवरस्पीडिंग है, जो सीधे तौर पर लापरवाही और नियमों की अनदेखी को दर्शाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सड़क पर सबसे अधिक जोखिम युवा पीढ़ी उठा रही है। 18 से 25 वर्ष के करीब 21% और 25 से 35 वर्ष के लगभग 25% युवक इन हादसों के शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा, मोबाइल फोन चलाते हुए वाहन चलाना, गलत साइड से ड्राइव करना और शराब के नशे में गाड़ी चलाना भी हादसों की बड़ी वजह बन रहे हैं। दोपहिया सवार, साइकिल चालक और पैदल यात्री सड़क पर सबसे असुरक्षित माने जा रहे हैं।
राज्य के परिवहन मंत्री दीपक बिरूआ ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा,“आज यह आंकड़े उन परिवारों का दुःख हैं जिन्होंने अपनों को खोया है।मैं एक मंत्री नहीं, मित्र के नाते युवाओं से हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं — अब तय युवाओं को करना है। तेज गति से खुद की और परिवारों की क्षति होती है। ध्यान रखें!!
राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान को तेज करने और ट्रैफिक नियमों के सख्त पालन के निर्देश जारी किए हैं। परिवहन विभाग का मानना है कि जनता की जागरूकता और युवाओं की जिम्मेदारी ही हादसों में कमी की सबसे बड़ी कुंजी है।
	    	
                                









                

