आस्था, श्रद्धा और सुरक्षा का अद्भुत संगम

छठ पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
गिरिडीह जिले के राजधनवार प्रखंड के ऐतिहासिक राजघाट पर इस वर्ष भी सूर्य उपासना का महापर्व छठ आस्था, श्रद्धा और भक्ति की अद्भुत छटा के साथ मनाया जा रहा है। झारखंड, बिहार और बंगाल के विभिन्न जिलों से लाखों श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं।

Rajdhanwar Chhath Ghat
सदियों पुराने इस घाट का धार्मिक महत्व बेहद गहरा है। पहले यह छठ पूजा राजपरिवार तक सीमित थी, लेकिन जब इसे आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया, तब से इसकी भव्यता और प्रसिद्धि लगातार बढ़ती चली गई। बीते चार दशकों से यहां का छठ मेला झारखंड के सबसे सुंदर आयोजनों में गिना जाता है।

विद्युत सज्जा से चमक उठा पूरा नगर
इस वर्ष राजघाट, दीवानटोला घाट, नौलखा डैम घाट और इरगा नदी घाट समेत पूरे राजधनवार नगर में लगभग 5 किमी क्षेत्र में आकर्षक विद्युत सजावट की गई है। 72 घंटे तक चलने वाली प्रकाश व्यवस्था ने दिन-रात का अंतर मिटा दिया है।

Raj Chhath Ghat
राज कचहरी परिसर में विशाल विद्युत द्वार, पहाड़ी पर राजस्थानी किला, घोड़े, हाथी और सैनिकों की झांकियां दर्शकों को 16वीं सदी के राजपूताना का अनुभव करवा रही हैं। वहीं बच्चों और महिलाओं के लिए झूले, खेल-तमाशे और मीना बाजार का खास आकर्षण बना हुआ है।

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
एसडीओ अनिमेष रंजन ने धनवार घाट और मेले की तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि इस बार पिछले वर्ष से अधिक पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही सीसीटीवी, वॉच टावर, अल्कोहल मीटर और वालंटियर टीम की मदद से निगरानी रखी जा रही है।
पार्किंग की भी सुदृढ़ व्यवस्था की गई है और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मुख्य मार्ग से भारी वाहनों को डायवर्ट कर दिया गया है।

श्रद्धा और संयम का पर्व
राजघाट का यह आयोजन केवल एक मेला नहीं, बल्कि संयम, सौंदर्य और आस्था का प्रतीक है। पूजा समिति के सदस्यों और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से यह स्थान छठ महापर्व का केंद्रबिंदु बन चुका है, जहां श्रद्धा और भक्ति एक साथ झलकती है।











