गिरिडीह:स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर जिले का गौरव माने जाने वाला झंडा मैदान स्थित सर जेसी बोस स्मारक एवं जिला विज्ञान केंद्र इस बार सन्नाटे में डूबा रहा। 15 अगस्त को दोपहर 2 बजे तक यहां न तो ध्वजारोहण हुआ और न ही साफ-सफाई की कोई व्यवस्था की गई। इस लापरवाही ने स्थानीय नागरिकों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, हर वर्ष 26 जनवरी और 15 अगस्त को यहां पर विधिवत ध्वजारोहण, सांस्कृतिक कार्यक्रम और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की जाती रही है। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, लेकिन इस बार पूरी तरह उपेक्षा का शिकार हो गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्मारक न केवल गिरिडीह, बल्कि पूरे राज्य और देश के लिए गर्व का प्रतीक है। यहां हमेशा राष्ट्रीय ध्वज शान से लहराता था, लेकिन इस बार न तो कोई तैयारी दिखी और न ही कोई कार्यक्रम आयोजित हुआ। मौके पर चहल-पहल की जगह वीरानी और सन्नाटा पसरा रहा।
नागरिकों का आरोप है कि जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय पर्व के महत्व और गरिमा को नजरअंदाज किया है। स्वतंत्रता दिवस पर जहां देशभर में तिरंगे की शान बढ़ाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे थे, वहीं जिले के इस ऐतिहासिक स्थल की उपेक्षा ने सबको निराश कर दिया।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए जिला प्रशासन से तत्काल जांच कराने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की भी मांग उठाई है, ताकि भविष्य में राष्ट्रीय पर्व पर ऐसी लापरवाही न हो।
लोगों का कहना है कि राष्ट्रीय पर्व केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि यह हमारे शहीदों के बलिदान की याद दिलाने वाला दिन है। ऐसे में, सर जेसी बोस स्मारक जैसे ऐतिहासिक और गौरवशाली स्थल की उपेक्षा करना न केवल असम्मान है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रप्रेम की भावना को भी आहत करता है।
स्थानीय नागरिकों की यह भी मांग है कि स्मारक स्थल की नियमित देखरेख, रखरखाव और सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी यह गर्वित इतिहास देखने और महसूस करने का अवसर मिल सके।