गिरिडीह: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जहां देशभर में तिरंगे की शान में कार्यक्रम आयोजित किए गए, वहीं स्टेशन रोड स्थित कमला नेहरू विद्यालय में लापरवाही का एक गंभीर मामला सामने आया। शुक्रवार को विद्यालय परिसर में तिरंगा झंडा उल्टा फहराया गया, जो राष्ट्रीय ध्वज संहिता के अनुसार गंभीर त्रुटि और अपमान की श्रेणी में आता है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह कार्यक्रम के दौरान तिरंगा झंडा फहराया गया, लेकिन उसका क्रम उल्टा था। यह स्थिति काफी देर तक बनी रही। दोपहर लगभग 1 बजे स्थानीय लोगों की नजर इस पर पड़ी तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और विद्यालय प्रबंधन की आलोचना की। लोगों का कहना था कि तिरंगा हमारे राष्ट्र का गौरव है और किसी भी सरकारी या शैक्षणिक संस्थान में इस तरह की लापरवाही अस्वीकार्य है।
स्थानीय निवासी राजेश कुमार ने कहा, “अगर गलती से भी तिरंगा उल्टा फहर गया था तो कार्यक्रम के बाद तुरंत इसे सही करना चाहिए था। लेकिन यहां तो स्थिति और भी गंभीर रही। झंडा वैसे ही उल्टा रहा और विद्यालय के जिम्मेदार लोग कार्यक्रम समाप्त कर विद्यालय बंद कर अपने-अपने घर चले गए।”
लोगों ने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रशासन से मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं राष्ट्रीय भावना को ठेस पहुंचाती हैं और आने वाली पीढ़ियों को गलत संदेश देती हैं।
जानकार बताते हैं कि राष्ट्रीय ध्वज संहिता के अनुसार, तिरंगे को सम्मानपूर्वक फहराना प्रत्येक नागरिक और संस्थान का कर्तव्य है। तिरंगे के रंगों का क्रम – सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरा – हमेशा सही होना चाहिए। उल्टा फहराना या अपमानजनक तरीके से प्रदर्शित करना कानूनन अपराध है, जिसके लिए दंड का प्रावधान भी है।
मामले के बाद इलाके में चर्चा तेज हो गई है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि संबंधित विभाग इस लापरवाही पर कार्रवाई करेगा और भविष्य में ऐसे घटनाक्रम दोबारा न हों, इसके लिए सख्त निर्देश जारी करेगा।
यह घटना एक गंभीर संदेश देती है कि देशभक्ति सिर्फ झंडा फहराने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि तिरंगे के सम्मान और उसके सही प्रदर्शन पर भी विशेष ध्यान देना आवश्यक है।