झारखंड में मतदाता सूची से नाम हटवाने के मामले इस वर्ष काफी तेजी से बढ़े हैं। राज्य निर्वाचन विभाग के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक कुल 1.11 लाख से अधिक लोगों ने अपने नाम मतदाता सूची से हटाने के लिए आवेदन किया है। इनमें से 91,650 नाम हटाए जा चुके हैं जबकि 1,947 मामलों की प्रक्रिया अभी जारी है।
मतदाता सूची से नाम हटाने के चार मुख्य कारण सामने आए हैं: दूसरे राज्य में स्थानांतरण, मृत्यु, डुप्लीकेसी (दोहरी प्रविष्टि) और माइग्रेशन। विशेष रूप से जून और जुलाई माह में 17,835 वोटरों के नाम हटाए गए, जिनमें से 12,566 मृत व्यक्तियों के नाम, 3,163 डुप्लीकेट और 8,784 माइग्रेशन से जुड़े मामले थे।
गिरिडीह जिले में भी इस प्रक्रिया में सक्रियता देखने को मिली है, जहां 2,748 नाम हटाए जा चुके हैं और 64 मामलों की अभी जांच जारी है।
राज्य निर्वाचन विभाग ने मतदाता सूची में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए वोटर हेल्पलाइन ऐप और NVSP पोर्टल का उपयोग बढ़ाया है। इन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से मतदाताओं को अपनी जानकारी अपडेट करने तथा डुप्लीकेसी रोकने में सुविधा मिल रही है।
निर्वाचन विभाग का यह प्रयास मतदाता सूची को अधिक विश्वसनीय और सटीक बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे आने वाले चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे।












