जमुआ के भंडारों गांव में शुक्रवार को न्यायालय के आदेशानुसार जमीन कि मापी करने गए अधिकारियों व पुलिस के साथ प्रतिवादियों द्वारा मार-पीट व गाली-गलौज किया गया। इस संबंध में अधिकारी द्वारा हीरोडीह पुलिस को लिखित आवेदन दिया गया है। जिसमें गांव के ही नौ लोगों को नामजद व दस से पंद्रह अज्ञात लोगों को आरोपित किया गया है। वहीं आवेदन मिलते ही हीरोडीह पुलिस एक टीम गठित कर संबंधित पदाधिकारी के साथ मारपीट करने वाले एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।
वहीं अन्य संलिप्त आरोपियों के विरुद्ध अग्रेतर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। घटना के संबंध में बताया जाता है कि कुमारी निकिता सिविल जज वरीय कोटि प्रथम गिरिडीह के पत्रांक संख्या 166/24 के आलोक में बंटवारा बाद संख्या 187/16 को लेकर भूमि मापी के लिए अधिवक्ता आयुक्त अमर कुमार के साथ अन्य सहयोगियों के अलावा पुलिस बल को भी नियुक्त किया गया था। जिसके बाद उक्त लोग हीरोडीह थाना क्षेत्र के भंडारों गांव पहुंचे और उक्त जमीन की मांपी की जाने लगी। इस दौरान प्रतिवादी द्वारा इसका विरोध व बहस किया जाने लगा। यह बहसबाजी मारपीट में तब्दील हो गई। और अचानक अधिकारियों पर हमला कर दिया गया। तभी मापी कराने के लिए पहुंचे लोगों को वहां से भागने के लिए मजबूर होना पडा। इस मारपीट मामले में चार लोग घायल हुए हैं। घायलों की पहचान अमर कुमार, पुलिस आरक्षी पवन कुमार, बाघंबर मोहन सिंन्हा और एक अन्य के रूप में किया गया है। इधर हीरोडीह को दिए गए आवेदन में कहा है कि न्यायालय के आदेशानुसार जमीन माफी के लिए पहुंचे थे। इस दौरान प्रतिवादियों के पक्ष द्वारा अचानक उक्त टीम लाठी डंडों से हमला कर दिया। जिसमें तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं सीतो राणा, बालगोविंद राणा, राधे मिस्त्री, महेंद्र राणा, पंकज राणा, जागी राणा, सीतो राणा की पत्नी, बालगोविंद राणा की पत्नी व राधे मिस्त्री की पत्नी को नामजद सहित दस से पंद्रह अज्ञात लोगों द्वारा मार-पीट, गाली-गलौज करने का आरोप लगाया है। इस बाबत हीरोडीह थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि आवेदन मिलते ही एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। जिसमें की थाना क्षेत्र के भंडारों गांव निवासी जागी राणा के रूप में किया गया है। वहीं अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर अभियान चलाया जाएगा।