विनोबा भावे विश्वविद्यालय हज़ारीबाग़ की एक गलती की वजह से विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। और इसका खामियाजा विद्यार्थियों को ही भरना होगा। यहाँ तक कि इस गलती के कारण विद्यार्थियों की डिग्रियां भी अमान्य की जा रही है। बता दें की विद्यार्थियों को दो जेनेरिक पेपर की पढ़ाई कराई जानी थी लेकिन विद्यार्थियों को एक ही पेपर की पढ़ाई करवाई गयी और परीक्षा उत्तीर्ण होने का प्रमाण भी जारी कर दिया गया। विश्वविद्यालय को अपनी गलती का अहसास तब हुआ जब विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं का फॉर्म भरने से रोका गया। इस दौरान विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय की गलती को सुधारने के लिए कई महीनों से संघर्ष किया और विश्वविद्यालय पर दबाव बनाया की एक विशेष परीक्षा का आयोजन किया जाए ताकि विद्यार्थी परीक्षा दे सके और इस त्रुटि को सुधारा जा सके। बहरहाल विश्वविद्यालय ने अपनी गलती को सुधारने के लिए विशेष परीक्षा आयोजित करने की बात कही है। बता दें की इस विशेष परीक्षा में 2015 -18, 2016- 19, 2017 – 20, 2018- 21, 2019 – 2022 तक के विद्यार्थियों को शामिल होना जरुरी है। तभी इस गलती को सुधारा जा सकेगा। सूत्रों की माने तो यह विशेष परीक्षा जून माह में ली जा सकती है।