गावां के नवनिर्वाचित मुखिया कन्हाई राम ने अभिभावकों के शिकायत पर शनिवार को गावां मध्य विद्यालय का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय के प्रधानाध्यापक राम प्रसाद सिंह गायब मिले एवं शिक्षकों से जानकारी लेने पर पांच दिनों से गायब होने की बात बताई। निरीक्षण के दौरान मध्याह्न भोजन में भी कटौती करने का मामला सामने आया।मध्याह्न भोजन शत प्रतिशत उपस्थित बच्चों के लिए नहीं बनाया गया था। महज 50 से 100 बच्चों के बीच मध्याह्न वितरण के बाद खाना खत्म हो गया। वहीं मध्याह्न भोजन में दाल की मात्रा में भारी कटौती देखी गई। निरीक्षण के दौरान दिन शनिवार होने के कारण सिर्फ खिचड़ी बनाया गया था। इसके अलावा बच्चों से पूछने के बाद पता चला कि विद्यालय में एक दिन भी पौष्टिक आहार के रूप में अंडा, फल नहीं दिया गया था। वहीं कोरोनाकाल में बच्चों के बीच जो एमडीएम का राशि बांटना था वह भी नहीं बंटा था। जबकि अन्य विद्यालय में एमडीएम की राशि कई सप्ताह पूर्व ही बांट दिया गया था। यहां तक विद्यालय के छात्र-छात्राओं के भी प्रधानाध्यापक मध्याह्न भोजन व पौष्टिक आहार में कटौती करने का आरोप लगाया।
इसके अलावा ग्राम शिक्षा समिति के सदस्य सुरेश चौधरी ने भी प्रधानाध्यापक पर मनमानी करने का आरोप लगाया है। कहा कि जब से ग्राम शिक्षा समिति का गठन हुआ है तब से मात्र एक बार बैठकर कर प्रधानाध्यापक और अध्यक्ष पेन पेपर पर मनमानी ढंग से काम कर ले रहे हैं। इससे विद्यालय भ्रष्टाचार का रूप ले लिया है। उन्होंने कहा कि अभीतक एमडीएम का राशि भी नहीं वितरण हुआ है।
व्यवस्था में सुधार लाए प्रधानाध्यापक : मुखिया
मुखिया कन्हाई राम ने कहा कि निरीक्षण के दौरान विद्यालय में भारी गड़बड़झाला सामने आया है। निरीक्षण के दौरान मिड डे मील, एमडीएम राशि व पौष्टिक आहार वितरण में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। कई दिनों से पौष्टिक आहार के रूप में अंडा व फल नहीं बांटा गया है। यहां तक प्रधानाध्यापक भी पिछले पांच दिनों से गायब हैं जो कहीं से उचित नहीं है। उन्होंने बीईईओ से मामले की जांच करते हुए कार्रवाई की मांग की है। कहा कि यदि व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो जोरदार आंदोलन किया जाएगा।
इधर, प्रधानाध्यापक राम प्रसाद सिंह ने कहा कि मैं विभागीय कार्य से गिरिडीह आ गया हूं। सोमवार को मैं विद्यालय पहुंचकर मंगलवार-बुधवार से व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा। कहा कि एकाउंट से निकासी नहीं होने के कारण एमडीएम की राशि बांटने में विलंब हुई है।