गावां थाना पुलिस द्वारा बीते दिनों बस पलटी होने के बाद हुए सड़क जाम का विरोध करने वाले दवा दुकानदार को जेल भेज दिया गया है। पुलिस की इस मनमाने पूर्ण कार्रवाई से स्वजनों में आक्रोश व्याप्त है। इस संबंध में बता दें कि गावां के भेलवा में मंगलवार की सुबह कन्यादान कर लौट रही बस पलट गई थी जिसमें बादीडीह निवासी एक बुजुर्ग की दबकर मौत हो गई थी। इसके बाद स्वजनों व ग्रामीणों ने मुआवजा की मांग करते हुए पटना चौक में सड़क जाम कर दिया था। इस दौरान तीसरी के ककनी निवासी दवा दुकानदार अजय बरनवाल अपना दवा दुकान खोलने माल्डा जा रहे थे। सड़क जाम थी तो उन्होंने अपनी समस्या बताते हुए अपनी बाइक को लेकर पास करने की कोशिश की। इस पर जाम कर रहे लोगों द्वारा उसके साथ मारपीट की जाने लगी। इसका विरोध करते हुए वे ग्रामीणों से उलझ गए। बाद में सैकड़ो ग्रामीण उसपर टूट पड़े काफी मशक्कत के बाद पुलिस व कुछ बुद्धिजीवियों ने उसे बमुश्किल बचाया व थाना गाड़ी में बैठाकर थाना ले जाया गया। मंगलवार की देर शाम तक गावां थाना प्रभारी उसे छोड़ देने की बात करते रहे परंतु उसे छोड़ा नहीं गया। बुधवार की सुबह पुलिस उल्टा कार्रवाई करते हुए अजय बरनवाल पर पुलिस से अभद्र व्यवहार करने के आरोप में उसे ही जेल भेज दिया। सवाल यह उठता है कि दवा दुकानदार की उलझन सड़क जाम कर रहे लोगों से हुई थी। इस दौरान जाम कर रहे लोगों ने उसके साथ मारपीट भी की। तो भला पुलिस के साथ उसने अभद्र व्यवहार कब किया और सरकारी काम मे बाधा कब डाला। सड़क जाम करने वालों पर जो कार्रवाई होनी चाहिए थी वह कार्रवाई दवा दुकानदार पर क्यों की गई। पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि आम आदमी को सड़क जाम के दौरान सुरक्षा देना पुलिस का काम है। इस तरह से 353 धारा लगाकर बेगुनाह को जेल भेजना सरासर गलत है। गावां पुलिस मनमानी करते हुए यह कार्रवाई की है। थाना प्रभारी अपने कार्यशैली में सुधार लाये। बेगुनाह को फंसाने का काम नही करें। इस संबंध में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मुकेश कुमार महतो ने कहा कि इसकी जानकारी उन्हें भी मिली थी इस संबंध में उन्होंने इंस्पेक्टर से बात की तो पता चला कि युवक पुलिस के जवान का डंडा लेकर चला दिया था। पूरे मामले की वे अपने स्तर से जांच करेंगे जांच के बाद अग्रतर कार्रवाई की जाएगी।