संयुक्त राष्ट्र, वैज्ञानिक और संस्कृतिक संगठन द्वारा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस का आयोजन किया जाता है| इस दिन कुछ महान लेखको का जन्म और पुण्यतिथि भी है, इन्हे याद रखने के लिए यह दिवस मनाया जाता है| बचपन के स्कुल से आरंम्भ हुई पढ़ाई जीवन के अंत तक चलती है, और पुस्तक हर जगह काम आती है, इसलिए हमारे जीवन को सफल बनाने में पुस्तक का बहुत बड़ा योगदान है|
किताब को ज्ञान का भण्डार कहा जाता है, किताब के बिना ज्ञान अधुरा है, पुस्तके मनुष्य का सच्चा मित्र होता है, पुस्तकों से ही विकास का मार्ग प्रशस्त होता है, किताबे विरास्त का खजाना है, किताब ही हमे चिंता और भय को दुर करने में महत्वपुर्ण भुमिका निभाती है| लोकमान्य तिलक कहते है, “मै नरक में भी उत्तम पुस्तकों का स्वागत करुगा ,क्योकि इसमें वह शक्ति है कि जहां ये होगी वहा अपने आप स्वर्ग बन जाएगी”