झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के अंतर्गत एक बड़ा फैसला सामने आया है। सत्यापन प्रक्रिया के दौरान 5.46 लाख अपात्र लाभुकों का नाम योजना की सूची से हटाने का निर्णय लिया गया है। इन लाभुकों ने अब तक अपने दस्तावेज जमा नहीं किए हैं और न ही बैंक खाते को आधार से लिंक कराया है। परिणामस्वरूप, अप्रैल और मई माह की राशि भी इन लाभुकों को नहीं दी जाएगी।
सरकार ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि योजना का लाभ केवल उन्हीं लाभार्थियों को मिलेगा, जिनका आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक होगा। इसके लिए राज्य के विभिन्न जिलों में शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, जहां आधार सीडिंग और दस्तावेज़ों का सत्यापन कार्य तेजी से चल रहा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा चलाई जा रही यह योजना राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जाती है। लेकिन सत्यापन में लापरवाही बरतने वालों को अब इस योजना से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, भविष्य में भी योजना की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सख्त निगरानी और डिजिटल सत्यापन प्रक्रिया को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।