सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में दो अहम बिल—सेंट्रल एक्साइज (अमेंडमेंट) बिल 2025 और हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025—पेश किए। इन बिलों का सीधा असर तंबाकू, पान मसाला और अन्य ‘सिन गुड्स’ पर पड़ने वाला है। सरकार ने कहा कि दिसंबर तक राज्य सरकारों को मुआवज़े के लिए लिया गया कर्ज पूरा चुका दिया जाएगा, जिसके बाद वर्तमान GST कम्पेनसेशन सेस खत्म हो जाएगा। इसलिए इन उत्पादों पर नए टैक्स स्ट्रक्चर की जरूरत है, ताकि राजस्व में कमी न आए।
नए एक्साइज अमेंडमेंट बिल में तंबाकू उत्पादों पर नई एक्साइज ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव है। इसके तहत सिगरेट पर प्रति 1,000 स्टिक ₹5,000 से ₹11,000 तक एक्साइज ड्यूटी लग सकती है। वहीं, कच्चे तंबाकू पर 60-70%, और निकोटीन आधारित इनहेलेशन उत्पादों पर 100% टैक्स प्रस्तावित है। वर्तमान में सिगरेट पर 5% एड-वेलोरम टैक्स के अलावा ₹2,000 से ₹3,600 प्रति 1,000 स्टिक सेस लगता है, लेकिन सेस हटने के बाद तंबाकू उत्पादों पर 40% GST + एक्साइज ड्यूटी लागू होगी। सरकार का दावा है कि टैक्स का बोझ लगभग समान रहेगा।
दूसरी ओर, हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल में पान मसाला जैसे उत्पादों पर नया सेस लगाने का प्रस्ताव है। सरकार का कहना है कि इससे मिलने वाली राशि का उपयोग पब्लिक हेल्थ और नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े खर्चों में किया जाएगा। विपक्षी सांसद सौगत रॉय ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि तंबाकू की हानिकारकता का जिक्र नहीं है और यह सेस राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाएगा। 2017 में लगाया गया कम्पेनसेशन सेस पहले 5 साल के लिए तय था, जिसे 2026 तक बढ़ाया गया। अब कर्ज चुकता होने के बाद यह सेस समाप्त हो जाएगा, और नए बिल टैक्स दरों को पहले जैसा बनाए रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।












