उम्मते इस्लाम के आखरी नबी हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम के यौमे पैदाइश इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी उल अव्वल की 12 वीं तारीख को मनाये जाने वाले प्रमुख इस्लामी त्यौहार है, जिसे गिरिडीह के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य रूप से मुस्लिम बहुल इलाकों में हरसोउल्लाश के साथ मनाया जा रहा है,
हर तरफ मोहम्मद के दीवानों की हुजूम है,चौक चौराहों गलियों में रौनक और चहल-पहल देखी जा रही है। छोटे-छोटे बच्चे बूढ़े और जवान हर कोई नबी की गुणगान कर यौमे पैदाइश की खुशियां मनाने में मग्न है, पूरा इस्लामिक इलाका इस्लामी झंडों से पटा हुआ है,तो वहीं पुलिस प्रसाशन के साथ साथ जनप्रतिनिधि एंव कौम के बुद्धिजीवी इस त्योहार को शांतिपूर्ण तरीके से मनाने में अपनी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।