झारखंड सरकार की “मंईयां सम्मान योजना” में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है, जिसमें बाहरी राज्यों के लोगों और पुरुषों ने खुद को महिला दर्शाकर योजना का लाभ उठाया। पूर्वी सिंहभूम जिले में 172 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें से कई बिहार और बंगाल के निवासी हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच झारखंड सीआईडी को सौंपी गई है।
महिला योजना में पुरुषों की सेंधमारी
झारखंड सरकार की “मंईयां सम्मान योजना”, जो विशेष रूप से राज्य की महिलाओं के लिए शुरू की गई थी, उसमें बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल के गालूडीह थाना क्षेत्र में 172 फर्जी लाभार्थियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। हैरानी की बात यह है कि इनमें 40 पुरुष भी शामिल हैं, जिन्होंने खुद को महिला बताकर योजना का लाभ उठाया। ये सभी आरोपी ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर योजना के तहत आर्थिक सहायता प्राप्त कर रहे थे।
बाहरी राज्यों के लोगों ने भी उठाया लाभ
जांच में यह भी पाया गया कि जिन लोगों ने योजना का लाभ उठाया है, उनमें से 39 बिहार के किशनगंज जिले और 133 पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के निवासी हैं। इसका मतलब है कि इन लाभार्थियों का झारखंड राज्य से कोई सीधा संबंध नहीं है। इतना ही नहीं, 12 ऐसे नाम भी लाभार्थियों की सूची में शामिल मिले जिनका कोई स्पष्ट या सत्यापित पता नहीं है। आरोपियों ने आवेदन फॉर्म में “पति का नाम” के कॉलम में भी पुरुषों के नाम दर्ज किए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पहचान छिपाने के लिए जानबूझकर गलत जानकारी दी गई।
अब CID करेगी जांच, कठोर कार्रवाई संभव
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अब इसकी जांच झारखंड पुलिस की सीआईडी को सौंपी जा रही है। सीआईडी यह पता लगाएगी कि क्या इसी प्रकार की धोखाधड़ी अन्य जिलों में भी की गई है और इसके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं। आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 318(4), 338, 339, 336 और 61(2)/3(5), तथा आईटी अधिनियम की धाराओं 65, 66(C), और 66(D) के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।